जी-7 सम्मेलन संपन्न, समूह ने टीका और जलवायु परिवर्तन पर कदम उठाने का आह्वान किया

By भाषा | Published: June 13, 2021 04:38 PM2021-06-13T16:38:02+5:302021-06-13T16:38:02+5:30

G-7 summit concludes, group calls for action on vaccine and climate change | जी-7 सम्मेलन संपन्न, समूह ने टीका और जलवायु परिवर्तन पर कदम उठाने का आह्वान किया

जी-7 सम्मेलन संपन्न, समूह ने टीका और जलवायु परिवर्तन पर कदम उठाने का आह्वान किया

फालमाउथ (इंग्लैंड), 13 जून (एपी) दुनिया के सबसे अमीर सात देशों के नेताओं का दो साल में पहला सम्मेलन कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया भर में टीकाकरण करने, जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए अपने हिस्से की बड़ी राशि और तकनीक देने के प्रभावशाली वादों के साथ रविवार को संपन्न हो गया।

इन नेताओं ने यह दिखाने की कोशिश की कि महामारी के कारण मचे उथल-पुथल और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अस्थिर स्वभाव के बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग फिर बढ़ने लगी है।

इन नेताओं ने संदेश दिया कि अमीर लोकतांत्रिक देशों का समूह- कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन- गरीबी देशों के लिए अधिनायकवादी चीन के मुकाबले बेहतर मित्र हैं।

हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या तब समूह कोरोना वायरस के टीकाकरण को लेकर प्रतिबद्धता, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के मुद्दे पर कायम रहेगा जब नेताओं का अंतिम बयान आएगा।

यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या सभी नेता अल्पसंख्यक उइगर और अन्य समुदायों के दमन के मुद्दे पर चीन की आलोचना करने संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।

सम्मेलन के मेजबान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन चाहते थे कि तीन दिवसीय सम्मेलन का इस्तेमाल ‘ वैश्विक ब्रिटेन’ की छवि को मजबूत करने के लिए किया जाए, जो उनकी सरकार की पहल है जिसमें वह वैश्विक मुद्दे को सुलझाने में ब्रिटेन की प्रभावशाली भूमिका चाहते हैं।

हालांकि, दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के तटीय शहर में हुए सम्मेलन के दौरान लक्ष्यों पर ब्रेक्जिट के बादल छाए रहे। यूरोपीय संघ के नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ब्रिटेन- यूरोपीय संघ व्यापार नियम पर चिंता जताई जिसकी वजह से उत्तरी आयरलैंड में तनाव का माहौल है।

हालांकि, सम्मेलन में कुल मिलाकार माहौल सकारात्मक रहा। नेता कैमरे के सामने मुस्कुराते हुए नजर आए।

गौरतलब है कि पिछली बार जी-7 का सम्मेलन 2019 में फ्रांस में हुआ था। पिछले साल यह सम्मेलन अमेरिका में होना था लेकिन महामारी की वजह से यह नहीं हो पाया।

सम्मेलन की पहली शाम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने शाही भोज दिया जिसमें सभी नेता बातचीत करते नजर आए।

सम्मेलन में साफ तौर पर देखा गया कि अमेरिका की वापसी से उसके मित्र देश राहत महसूस कर रहे हैं। अमेरिका ने ट्रंप प्रशासन की ‘अमेरिका पहले’ की नीति को छोड़ अंतरराष्ट्रीय मामलों में वापसी की है।

राष्ट्रपति पद संभालने के पांच महीने के भीतर अपनी पहली विदेश यात्रा पर आए बाइडन ने कहा,‘‘अमेरिका वापस आ गया है और दुनिया के लोकतंत्र साथ हैं।’’

जी-7 सम्मेलन के समापन के बाद बाइडन का रविवार की दोपहर को महारानी के साथ चाय पर बैठक करने का कार्यक्रम है। वह सोमवार को ब्रसेल्स नाटो की बैठक में हिस्सा लेने जाएंगे। बाइडन बुधवार को जिनेवा में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे।

जी-7 सम्मेलन में जॉनसन ने बाइडन को ‘ताजी हवा का झोंका’ बताया।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने बाइडन से बात करने के बाद कहा, ‘‘बाइडन को इस क्लब का हिस्सा देखकर अच्छा लगा है और वह सहयोग को इच्छुक हैं।’’

जी-7 सम्मेलन के दौरान लड़कियों की शिक्षा, भविष्य में महामारी रोकने और वित्त प्रणाली का इस्तेमाल हरित विकास के वित्तपोषण करने की महत्वकांक्षी घोषणा की गई है।

गैर जी-7 सदस्यों के रूप में सम्मेलन के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को बतौर मेहमान आमंत्रित किया गया था।

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Web Title: G-7 summit concludes, group calls for action on vaccine and climate change

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