स्वेज़ नहर में पांचवें दिन भी फंसा रहा मालवाहक पोत
By भाषा | Updated: March 27, 2021 19:45 IST2021-03-27T19:45:56+5:302021-03-27T19:45:56+5:30

स्वेज़ नहर में पांचवें दिन भी फंसा रहा मालवाहक पोत
स्वेज़ (मिस्र) 27 मार्च (एपी) मिस्र की स्वेज़ नहर में शनिवार को लगातार पांचवें दिन एक बड़ा मालवाहक पोत फंसा रहा। वहीं अधिकारियों ने पोत को हटाने और अहम वैश्विक जलमार्ग को खोलने के लिए कई और कोशिशें करने की योजना बनाई है।
एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला ‘द एवर गिवन’ जहाज स्वेज़ शहर के समीप मंगलवार को नहर में फंस गया था, जिससे यातायात बाधित हो गया। यह जलमार्ग वैश्विक परिवहन के लिए अहम है।
‘एवर गिवन’ को निकालने के लिए ‘बोसकालिस’ नाम की कंपनी को ठेका दिया गया है। इस कंपनी के सीईओ पीटर बरडोस्की ने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि वह जहाज़ खींचने वाली नौकाओं (टग बोट), तलकर्षण और हाई टाइड के संयोजन से कुछ दिन में कंटेनर पोत को हटाने में कामयाब रहेंगे।
उन्होंने नीदरलैंड के समसमायिक कार्यक्रम में शुक्रवार रात कहा कि जहाज़ को खींचने वाली दो बड़ी नौकाओं (टगबोट) के सप्ताहांत तक नहर पहुंचने की उम्मीद है।
बरडोस्की ने कहा कि एक क्रेन भी रास्ते में हैं जो पोत पर से कंटेनर को उठा सकती है।
स्वेज़ नहर प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि जब समुद्री लहरें (हाई टाइड) कम हो जाएंगी तो उसकी योजना शनिवार को दो प्रयास करने की है।
बहरहाल, मिस्र के अधिकारियों ने स्थल पर मीडिया को प्रतिबंधित कर दिया है।
मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबूली ने काहिरा में प्रेस वार्ता में पहली बार इस मामले पर टिप्पणी करते हुए पोत की स्थिति को ‘बहुत असाधारण घटना’ बताया है।
उन्होंने कहा कि नहर प्राधिकरण के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल ओसामा रबई स्वेज़ शहर में पत्रकार सम्मेलन करेंगे और अभियान के बारे में अधिक जानकारी साझा करेंगे।
शोइ किसेन कंपनी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वे पोत पर से कंटेनर हटाने पर विचार कर रहे हैं ताकि जहाज़ हल्का हो सके लेकिन यह मुश्किल अभियान होगा।
वहीं व्हाइट हाउस ने नहर खोलने के लिए मिस्र को मदद की पेशकश की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, “ हमारे पास ऐसे उपकरण और क्षमताएं हैं जो अधिकतर देशों के पास नहीं हैं और हम देख रहे हैं कि हम क्या मदद कर सकते हैं और क्या मदद की जा सकती है।”
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 19,000 पोत इस नहर से गुजरे थे। इस नहर से दुनिया का करीब 10 प्रतिशत व्यापार होता है। यह जलमार्ग तेल ले जाने के लिए अहम है। इसके जरिए मध्य एशिया से तेल और गैस की आपूर्ति यूरोप में की जाती है जो इसके बंद होने से प्रभावित हो सकती है।
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