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अफगान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपराधी बताया

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 18, 2021 20:27 IST

तालिबान ने जिस तेजी के साथ अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उस पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने अचंभा जताया।

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ठळक मुद्देशिक्षाविद अशरफ गनी अफगानिस्तान के 14वें राष्ट्रपति थे।20 सितंबर, 2014 को निर्वाचित किया गया था।28 सितंबर, 2019 के राष्ट्रपति चुनाव में वह पुन: निर्वाचित हुए थे।

वाशिंगटनः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी पर हमला किया। डोनाल्ड ट्रंप ने अशरफ गनी को बीमार और अपराधी कहा।

डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को धोखेबाज कहा है। ट्रंप ने कहा उन्हें सजा मिलनी चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तालिबान का विरोध किए बिना काबुल का पतन होना अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में दर्ज होगा। 

तालिबान के काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लेने और इसके निर्वाचित नेता अशरफ गनी के अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश छोड़कर चले जाने के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, “जो बाइडन ने अफगानिस्तान में जो किया वह अपूर्व है। इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार के रूप में याद रखा जाएगा।” संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने इसे बाइडन प्रशासन की विफलता करार दिया है।

संकट में घिरे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि वह काबुल छोड़कर इसलिए चले गए ताकि वहां खून-खराबा और ‘बड़ी मानवीय त्रासदी’ न हो। उन्होंने तालिबान से कहा कि वह अपने इरादे बताए और देश पर उसके कब्जे के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चय की स्थिति में आए लोगों को भरोसा दिलाए।

तालिबान के लड़ाकों ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया। सरकार ने घुटने टेक दिए और राष्ट्रपति गनी देशी और विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर चले गए। रविवार को अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद गनी ने पहली बार टिप्पणी की है।

इसमें उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पास दो रास्ते थे, पहला तो राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे ‘सशस्त्र तालिबान’ का सामना करूं या अपने प्रिय देश को छोड़ दूं जिसकी रक्षा के लिए मैंने अपने जीवन के 20 साल समर्पित कर दिए।’’

गनी ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘यदि असंख्य देशवासी शहीद हो जाएं, अगर वे तबाही का मंजर देखते और काबुल का विनाश देखते तो 60 लाख की आबादी वाले इस शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी हो सकती थी। तालिबान मे मुझे हटाने के लिए यह सब किया है और वे पूरे काबुल पर और काबुल की जनता पर हमला करने आए हैं। रक्तपात होने से रोकने के लिए मुझे बाहर निकलना ठीक लगा।’’

टॅग्स :अफगानिस्तानतालिबानजो बाइडनडोनाल्ड ट्रंपपाकिस्तान
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