किताब में दावाः राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप, ये था असली मकसद!
By स्वाति सिंह | Updated: January 5, 2018 10:42 IST2018-01-05T10:05:30+5:302018-01-05T10:42:21+5:30
माइकल वोल्फ ने राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर यह किताब लिखी है।

किताब में दावाः राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे डोनाल्ड ट्रंप, ये था असली मकसद!
अमेरिकी जर्नलिस्ट माइकल वोल्फ ने 'फायर एंड फ्यूरी: इनसाइड द ट्रम्प व्हाइट हाउस' नाम से किताब लिखी। इस किताब में दावा किया गया है कि ट्रंप का अंतिम लक्ष्य कभी भी जीतना नहीं था। डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे। जब फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप को इस चुनावी जीत का पता चला तो वह खुश नहीं थी बल्कि रोने लगी थीं। वोल्फ ने राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर यह किताब लिखी है।
किताब के मुताबिक, ट्रंप ने अपने सहायक सैम नुनबर्ग को चुनावी दौड़ की शुरुआत में ही कहा था, "मेरा अंतिम लक्ष्य कभी भी जीतना नहीं था। मैं दुनिया में सबसे मशहूर व्यक्ति हो सकता हूं। लंबे समय से ट्रंप के दोस्त रहे फॉक्स न्यूज के पूर्व हेड रॉजर ऐलिस ने उनसे कहा था कि अगर तुम टेलिविजन में करियर बनाना चाहते हो तो सबसे पहले राष्ट्रपति पद के लिए खड़े हों।'
वोल्फ की इस किताब के मुताबिक, 'व्हाइट हाउस में आने के बाद ट्रंप को कामकाज के बारे में बहुत कम पता था, और ट्रंप को सुझाव देना सबसे ज्यादा जटिल था। ट्रंप के राष्ट्रपति के कामकाज का अहम मुद्दा यह था कि वे अपनी गुणों पर विश्वास करते थे चाहे वह विचार कितना ही महत्तवहीन या तुच्छ ही क्यों ना हो।'
ट्रंप ने अपने एक दोस्त को बताया था कि चुनावी रात को 8 बजे के बाद जब अप्रत्याशित रुझानों ने ट्रंप की जीत की पुष्टि कर दी तो कि उसके पिता ऐसे लग रहे थे जैसे उन्होंने भूत देख लिया है। मेलानिया खुश होने की बजाय रो रही थीं।'
'डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे' शीर्षक से प्रकाशित हुए आर्टिकल को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने खारिज किया है। सैंडर्स ने कहा कि यह किताब झूठ से भरी है। इसमें उन लोगों के हवाले से झूठे तथ्य रखे गए हैं जिनकी व्हाइट हाउस तक कोई पहुंच नहीं है। उन्होंने कहा कि लेखक को इस किताब के लिए व्हाइट हाउस तक कोई पहुंच नहीं मिली। असलियत में वह कभी राष्ट्रपति के साथ नहीं बैठे।'