टेरर फंडिंग पर FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने से बचा पाकिस्तान, मिली फरवरी-2020 तक की मोहलत
By विनीत कुमार | Updated: October 18, 2019 15:06 IST2019-10-18T15:01:31+5:302019-10-18T15:06:38+5:30
पाकिस्तान को पिछले साल जून में ग्रे सूची में डाला गया था और उसे 27 सूत्रीय योजना को पूरा करनेके लिए 15 महीने की डेडलाइन दी गई थी।

पाकिस्तान को मिली फरवरी, 2020 तक की मोहलत (फाइल फोटो)
फाइनेंशिल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने टेटर फंडिंग पर पाकिस्तान को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह फरवरी 2020 तक विस्तृत ऐक्शन प्लान तैयार करे और उस पर आगे बढ़े। FATF ने इस बात का जिक्र किया कि पाकिस्तान को लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कसने के लिये दी गई 27 सूत्री कार्य योजना में वह सिर्फ पांच का ही हल करने में सक्षम रहा। भारत में सिलसिलेवार हमलों के लिये ये दोनों आतंकी संगठन जिम्मेदार रहे हैं।
इसके साथ ही पाकिस्तान FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने से फिलहाल बच गया है। हालांकि, इस बात की उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी क्योंकि उसे चीन, तुर्की और मलेशिया से समर्थन मिल गया था।
बहरहाल, FATF ने अब साफ निर्देश दिये कि अगर निर्धारित समय में पाकिस्तान ऐसा करने में सफल नहीं होता तो उसे सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। FATF ने कहा कि पाकिस्तान अगर असफल होता है तो वह अपने सदस्यों से पाकिस्तान के साथ बिजनेस और वित्तीय लेनदेन पर विशेष नजर रखने को कहेगा।
एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसे धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है। पाकिस्तान को पिछले साल जून में ग्रे सूची में डाला गया था और उसे 27 सूत्रीय योजना को पूरा करनेके लिए 15 महीने की डेडलाइन दी गई थी। हालांकि, वह इन्हें उचित तरीके से लागू नहीं कर सका था। इसके बाद से माना जा रहा था कि उसे ग्रे सूची से हटाकर अब ब्लैक सूची में डाला जा सकता है।
गौरतलब है कि ब्लैक लिस्ट में जाने वाले देश के साथ कई आर्थिक प्रतिबंध लग जाते हैं। ऐसे देश के लिए कर्ज लेना या आईएमएफ से मदद लेना भी मुश्किल हो जाता है। किसी भी देश को ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए तीन वोट जरूरी होते हैं। पाकिस्तान को चीन, तुर्की और मलेशिया का सहारा मिलता रहा है।