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Israel-Hamas-War: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं, मध्य पूर्व में चल रहे संकट से ईंधन की कीमतों को लेकर चिंता बढ़ी

By धीरज मिश्रा | Updated: October 14, 2023 16:34 IST

हमास और इजरायल के बीच युद्ध ने तेल की कीमतों को लेकर बढ़ाई चिंता। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोरेक्को के शहर मराकेश में आयोजित जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की चौथी बैठक के दौरान तेल की कीमतों को लेकर अन्य देशों की चिंता के बारे में कहा।

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ठळक मुद्देविकास का इंजन बनने का काम करेगी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं उभरते हुए बाजार और विकासशील देश विकास के इंजन हैंइजरायल और हमास के युद्ध से तेल की कीमतों में उछाल

Israel-Hamas-War: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्य पूर्व में चल रहे संकट ने ईंधन की कीमतों को लेकर चिंता बढ़ाई है। वित्त मंत्री ने यह बातें मोरेक्को के शहर मराकेश में आयोजित जी 20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की चौथी बैठक के दौरान कहीं।

उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों को लेकर कई देशों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में आए संकट के साथ तेल की कीमतों ने फिर एक बार चिंताएं बढ़ा दी हैं। यहां जानकारी के लिए बताते चले कि इजरायल और हमास का युद्ध जारी है और तेल की कीमत में उछाल का कारण एक यह भी है। 

हमास और इजरायल के युद्ध ने बढ़ाई चिंता

बीते सप्ताह पहले ही इजरायल और हमास में युद्ध का आगाज हुआ। हमास ने युद्ध शुरु किया। इजरायल अब पूरी ताकत के साथ हमास को जवाब दे रहा है। इधर, दोनों के बीच चल रहे युद्ध से इसका असर विश्व अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। शुक्रवार तक वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 90.89 डॉलर प्रति बैरल पर आया।

अब इसमें 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिसी। अब 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है। वहीं, अमेरिकी मार्कर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 5.9 प्रतिशत उछलकर 87.69 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

वित्त मंत्री ने इन तीन प्रमुख चिंताओं का किया जिक्र

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक स्तर पर विकास की गति को बढ़ाने में सहायक होंगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करने वाली ईंधन संबंधी समस्या, और मुद्रास्फीति पर प्रभाव जैसे प्रमुख चिंताएं थीं।

उन्होंने कहा कि उभरते हुए बजारों में उल्लेखनीय रूप से विकास हो रहा है। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं दुनिया के लिए विकास का इंजन बनने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि उभरते हुए बाजार और विकासशील देश विकास के इंजन हैं।  

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