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Ebrahim Raisi: ईरानी राष्ट्रपति रईसी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे उपराष्ट्रपति धनखड़, राष्ट्रपति चुनाव 28 जून को

By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 21, 2024 16:10 IST

Ebrahim Raisi: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने की संभावना है।

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ठळक मुद्देरईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सोमवार को मृत्यु हो गई थी। बुधवार को ईरान रवाना होने की संभावना है।यात्रा से लौटने के बाद तबरीज शहर की ओर जा रहे थे। 

Ebrahim Raisi: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु हो गई है। इस बीच ईरानी मीडिया ने कहा कि रविवार को पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति की मौत हो गई। अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए चुनाव 28 जून को होंगे। ईरान के राष्ट्रपति और उनके विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन को ले जा रहा हेलिकॉप्टर एक पहाड़ी क्षेत्र में गायब हो गया था। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने की संभावना है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सोमवार को मृत्यु हो गई थी। उन्होंने कहा कि धनखड़ के बुधवार को ईरान रवाना होने की संभावना है। रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे भारत में एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जा रहा है। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के कोहरे वाले पहाड़ी क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति रईसी, देश के विदेश मंत्री और कई अन्य अधिकारी सोमवार को मृत पाए गए। रईसी (63 वर्ष) और उनका दल रविवार को अजरबैजान-ईरान सीमा पर एक इलाके की यात्रा से लौटने के बाद तबरीज शहर की ओर जा रहे थे।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के शिष्य और ईरान-इराक युद्ध के अंत में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक फांसी दिए जाने में शामिल रहे ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की सोमवार को एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। वह 63 वर्ष के थे। राष्ट्रपति रईसी के नेतृत्व में ईरान ने हथियार बनाने के आवश्यक स्तर तक यूरेनियम संवर्धन किया।

देश ने इजराइल पर बड़े पैमाने पर ड्रोन एवं मिसाइल हमले किए। उत्तर-पश्चिमी ईरान में रविवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों की ऐसे समय में अचानक मौत हो गई जब ईरान आंतरिक असंतोष और दुनिया के कई देशों के साथ अपने संबंधों को लेकर संघर्ष कर रहा है।

मौलवी रईसी ने एक बार संयुक्त राष्ट्र में दुनिया को संबोधित करने से पहले इस्लाम में पवित्र मानी जाने वाली पुस्तक कुरान को चूमा था और एक नेता के बजाय एक उपदेशक की तरह अपनी बात रखी थी। रईसी 2017 में अपेक्षाकृत उदारवादी नेता हसन रूहानी के हाथों राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे लेकिन चार साल बाद वह सत्ता में आए।

इस चुनाव में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बहुत सोच-समझकर मतदान का प्रबंधन किया ताकि रईसी के खिलाफ कोई बड़ा उम्मीदवार खड़ा नहीं हो सके। रईसी ऐसे समय में राष्ट्रपति बने, जब वैश्विक शक्तियों और रूहानी के बीच हुआ परमाणु समझौता अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पीछे हटने के कारण असफल हो गया था।

ट्रंप के इस कदम के कारण ईरान और अमेरिका के बीच नए सिरे से तनाव पैदा हो गया। भले ही रईसी ने समझौते में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई लेकिन उनका प्रशासन अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण से बचता रहा। समझौते को बहाल करने के लिए वियना में बातचीत उनकी सरकार के शुरुआती महीनों में रुकी रही।

रईसी ने सितंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र से कहा था, ‘‘प्रतिबंध लगाना दुनिया के देशों के साथ अमेरिका के युद्ध करने का नया तरीका है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘अधिक से अधिक उत्पीड़न की नीति अब भी बरकरा है। जिस पर हमारा हक है, हम उससे अधिक कुछ नहीं मांग रहे।’’ हिजाब नहीं पहनने के कारण हिरासत में ली गई महसा अमीनी की मौत के बाद 2022 में देशभर में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।

रईसी के कार्यकाल में प्रदर्शनकारियों पर महीनों चली कार्रवाई में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। संयुक्त राष्ट्र की एक जांच समिति ने बाद में पाया था कि ईरानी अधिकारियों द्वारा की गई ‘‘शारीरिक हिंसा’’ के कारण अमीनी की मौत हुई थी।

इसके बाद 2023 में इजराइल और हमास के बीच युद्ध हुआ जिसमें ईरान समर्थित मिलिशिया ने इजराइल को निशाना बनाया। तेहरान ने अप्रैल में इजराइल पर एक असाधारण हमला किया, जिसमें सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं। हालांकि इजराइल, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने इनमें से अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया था।

खामेनेई ने ईरान के पूर्व अटॉर्नी जनरल रईसी को 2016 में इमाम रजा परमार्थ संगठन के संचालन के लिए नियुक्त किया था जो ईरान में कई कारोबारों का प्रबंधन करता है। संगठन में रईसी को नियुक्त करते समय खामेनेई ने उन्हें ‘‘अत्यधिक अनुभव वाला भरोसेमंद व्यक्ति’’ कहा था।

इसके बाद विश्लेषकों ने अटकलें लगाईं कि खामेनेई रईसी को ईरान के तीसरे सर्वोच्च नेता के संभावित उम्मीदवार के रूप में तैयार कर रहे हैं। ईरान का सर्वोच्च नेता एक शिया मौलवी होता है जो सरकार संबंधी सभी मामलों में अंतिम निर्णय लेता है और देश के कमांडर-इन-चीफ के रूप में काम करता है। रईसी 2017 में राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गए थे और उन्हें लगभग एक करोड़ 60 लाख वोट मिले थे। 

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