अब अमेरिकी एफ-16 विमानों से रूस को जवाब देगा यूक्रेन, नीदरलैंड और डेनमार्क देंगे फाइटर जेट
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 20, 2023 07:56 PM2023-08-20T19:56:03+5:302023-08-20T19:57:45+5:30
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा कि नीदरलैंड और डेनमार्क यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान देंगे। रूट ने नीदरलैंड के हवाई अड्डे पर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि कुछ शर्तें पूरी होने के बाद विमानों की आपूर्ति की जाएगी।
Russia-Ukraine war: पिछले डेढ़ साल से जारी रूसयूक्रेन युद्ध में तनाव नए सिरे से भड़कने की आशंका है। दरअसल नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा कि नीदरलैंड और डेनमार्क यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान देंगे। रूट ने नीदरलैंड के हवाई अड्डे पर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि कुछ शर्तें पूरी होने के बाद विमानों की आपूर्ति की जाएगी। यह घोषणा रूट और जेलेंस्की द्वारा हवाई अड्डे पर एक हैंगर में खड़े दो एफ-16 लड़ाकू विमानों का निरीक्षण करने के कुछ देर बाद की गई।
यह पेशकश ऐसे वक्त की गई है, जब दो दिन पहले नीदरलैंड और डेनमार्क ने कहा था कि अमेरिका ने उन्हें यूक्रेन को अमेरिकी निर्मित एफ-16 युद्धक विमान देने के लिए अधिकृत किया है। यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान देने के लिए अमेरिका की मंजूरी को कीव के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा गया है। हालांकि, इन लड़ाकू विमानों का 18 महीने से यूक्रेन में जारी युद्ध पर निकट भविष्य में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। युद्ध में यूक्रेन पुराने विमानों पर निर्भर रहा है, जैसे कि रूस निर्मित मिग-29 और सुखोई लड़ाकू विमान।
एफ-16 में नयी तकनीक और सटीक मारक क्षमताएं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वे अधिक उपयोगी भी हैं। अमेरिका ने कहा है कि उन्नत अमेरिकी अब्राम्स टैंक की तरह एफ-16 लड़ाकू विमान लंबी अवधि में लड़ाई में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
नीदरलैंड और डेनमार्क के इस फैसले पर रूस की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि ये फैसला तनाव भड़का सकता है। रूस इससे पहले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी भी दे चुका है।
बता दें कि जारी जंग में पश्चिमी देशों और अमेरिका ने यूक्रेन को शुरू से ही धन और हथियारों की मदद दी है। अमेरिका ने जहां कंधे पर रखने वाली मिसाइलें, तोप के गोले, बख्तरबंद गाड़ियां और अन्य साजो सामान यूक्रेन को दिए हैं वहीं यूरोपियन यूनियन के देशों ने भी मदद दी है। हालांकि इस मदद के बाद भी यूक्रेन को कोई खास सफलता नहीं मिली है।