पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिप्पणी की। आसिफ ने कहा कि वह भारत की भाषा बोल रहे हैं। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनाव के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी संसदीय समिति को सम्बोधित करते हुए आसिफ ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में अपनी नाकामी के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है।
इस हफ्ते की शुरुआत में ट्रंप ने ट्वीट किया, "अमेरिका बेवकूफी करते हुए पाकिस्तान को पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर से ज्यादा की आर्थिक मदद दे चुका है। बदले में उसे झूठ और धोखे के सिवा कुछ नहीं मिला। पाकिस्तान हमारे नेताओं को बेवकूफ समझता है। हम जिन आतंकवादियों को अफगानिस्तान में खोज रहे थे उन्हें पाकिस्तान ने पनाह दे रखी थी। अब और नहीं!" ट्रंप के बयान से साफ हो गया कि अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली 25.5 करोड़ डॉलर (करीब 1600 करोड़ रुपये) की मदद नहीं देगा।
संसदीय समिति बैठक में आसिफ ने कहा कि ट्रंप भारत की भाषा बोल रहे हैं। अमेरिकी नेताओं का बयान फैक्ट के विपरीत है। इस बैठक के बाद नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अयाज सादिक ने कहा, अमेरिकी बयानों पर संतुलित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अमेरिका से बातचीत में मुल्क की प्रतिष्ठा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि संसदीय समित अगले सप्ताह फिर बैठक करेगी।
रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने कहा, ट्रंप के बयान से जाहिर है कि हमें अच्छे से इस स्थिति की समीक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या अमेरिका ऐसे हालात पैदा कर देगा जिससे पाकिस्तान की हानि हो। इसको लेकर हमें तैयार रहना होगा, लेकिन अमेरिका से बातचीत जारी रखनी होगी।