काबुल हमले से बौखलाए ट्रंप ने स्थगित की तालिबान के साथ शांति वार्ता, 'सीक्रेट मीटिंग' भी रद्द
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 8, 2019 07:47 AM2019-09-08T07:47:18+5:302019-09-08T07:47:18+5:30
पिछले दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर तालिबान के साथ शांति समझौता हो जाता है तो अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या घटकर 8,600 हो जाएगी और उनकी स्थायी मौजूदगी बनी रहेगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को तालिबान के साथ शांति वार्ता बंद करने की घोषणा की। उन्होंने यह फैसला काबुल धमाके के मद्देनजर लिया जिसमें एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस धमाके की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी।
ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान के प्रमुख नेता और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रविवार को कैंप डेविड में उनसे अलग-अलग मीटिंग में मिलने वाले थे। जिसके लिए वे आज रात को ही अमेरिका पहुंचने वाले थे। ट्रंप ने लिखा, 'मैंने तुरंत मीटिंग रद्द कर दी और शांति वार्ता को स्थगित कर दिया है।'
पिछले दिनों राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर तालिबान के साथ शांति समझौता हो जाता है तो अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या घटकर 8,600 हो जाएगी और उनकी स्थायी मौजूदगी बनी रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर अफगानिस्तान से अमेरिका पर कोई हमला होता है तो ‘‘हम इतनी बड़ी सेना के साथ लौटेंगे जो पहले कभी नहीं देखी गई होगी।’’ लेकिन तालिबान के बड़े हमलों की वजह से डोनाल्ड ट्रंप चिढ़ गए हैं और उन्होंने शांति वार्ता स्थगित करने का फैसला किया है।
Unbeknownst to almost everyone, the major Taliban leaders and, separately, the President of Afghanistan, were going to secretly meet with me at Camp David on Sunday. They were coming to the United States tonight. Unfortunately, in order to build false leverage, they admitted to..
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 7, 2019
अल-कायदा द्वारा अमेरिकी सरजमीं पर 11 सितंबर 2001 को किए गए आतंकवादी हमले के बाद पहली बार अमेरिका ने अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अमेरिका अब अपनी सैन्य संलिप्तता को खत्म करना चाहता है और वह 2018 से तालिबान से बातचीत कर रहा है।
गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को तालिबान के एक फिदायीन ने कार बम से विस्फोट कर दिया जिसमें अमेरिका और रोमानिया के एक-एक सैनिक की मौत हो गई और अफगानिस्तान के कम से कम 10 आम लोगों की जान चली गई थी। इस राजनयिक क्षेत्र में अमेरिकी दूतावास भी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा और एएनआई से इनुपट्स लेकर