कोविड-19 की जांच, केवल 36 मिनट में आएंगे नतीजे, सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने तकनीक विकसित की
By भाषा | Published: July 27, 2020 02:50 PM2020-07-27T14:50:54+5:302020-07-27T20:38:48+5:30
विश्विवद्यालय ने सोमवार को कहा कि नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीसी) के ‘ली कॉंग चियान स्कूल ऑफ मेडिसिन’ में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस नई तकनीक में ‘‘कोविड-19 की प्रयोगशाला जांच में लगने वाले समय और लागत में सुधार के तरीके ’’ सुझाए गए हैं।
सिंगापुरः सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे प्रयोगशाला में होने वाली कोविड-19 की जांच के नतीजे केवल 36 मिनट में ही आ जाएंगे।
मौजूदा जांच प्रणाली में उच्च प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की जरूरत होती है और नतीजे आने में कई घंटे लगते हैं। विश्विवद्यालय ने सोमवार को कहा कि नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीसी) के ‘ली कॉंग चियान स्कूल ऑफ मेडिसिन’ में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस नई तकनीक में ‘‘कोविड-19 की प्रयोगशाला जांच में लगने वाले समय और लागत में सुधार के तरीके ’’ सुझाए गए हैं।
उसने कहा कि परीक्षण, जिसे पोर्टेबल उपकरणों के साथ किया जा सकता है, उसे समुदाय में एक ‘स्क्रीनिंग टूल’ के रूप में भी तैनात किया जा सकता है। उसने कहा कि नई तकनीक से कोविड-19 की प्रयोगशाला जांच की रिपोर्ट 36 मिनट में आ सकती है।
सबसे संवेदनशील तरीका ‘पोलीमरेज़ चैन रिएक्शन (पीसीआर) नामक एक प्रयोगशाला तकनीक है
वर्तमान में, कोविड-19 परीक्षण के लिए सबसे संवेदनशील तरीका ‘पोलीमरेज़ चैन रिएक्शन (पीसीआर) नामक एक प्रयोगशाला तकनीक है, जिसमें एक मशीन वायरल आनुवंशिक कणों को बार-बार कॉपी उसकी जांच करती है ताकि सार्स-सीओवी-2 वायरस के किसी भी लक्षण का पता लगाया जा सकता है।
साथ ही आरएनए की जांच में सबसे अधिक समय लगता है, जिसमें रोगी के नमूने में अन्य घटकों से आरएनए को अलग किया जाता है। इस प्रक्रिया में जिन रसायनों की आवश्यकता होती है उसकी आपूर्ति दुनिया में कम है।
‘एनटीयू एलकेसीमेडिसन’ द्वारा विकसित नई तकनीक कई चरणों को एक-दूसरे से जोड़ती है और इससे मरीज के नमूने की सीधी जांच की जा सकती है। यह नतीजे आने के समय को कम और आरएनए शोधन रसायनों की जरूरत को खत्म करती है। इस नई तकनीक की विस्तृत जानकारियों वैज्ञानिक पत्रिका ‘जीन्स’ में प्रकाशित की गई है।
पाकिस्तान में कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,74,289 हुए
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार की स्मार्ट लॉकडाउन नीति कोरोना वायरस के प्रसार को थामने में कामयाब रही। देश में यह संक्रमण 5,842 लोगों की जान ले चुका है और 2,74,289 लोगों को संक्रमित कर चुका है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए, खान ने कहा कि उनकी सरकार पर सख्त लॉकडाउन को लागू करने का दबाव था, लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया और रोजगार के मौके तथा लोगों की जान बचाने के लिए एक संतुलन बनाया।
खान ने कहा, " पाकिस्तान उन चंद देशों में शामिल है, जहां कोरोना वायरस के मामले घट रहे हैं। संक्रमण की दर भारत में अब भी बढ़ रही है। " उन्होंने बकरीद और मोहर्रम पर लोगों से मास्क लगाने की गुजारिश की और आगाह किया कि अगर दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो मामले फिर से बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा, " ईद-उल-अज़हा और मोहर्रम-उल हराम के दौरान एहतियाती उपाय नहीं किए गए तो मुल्क में फिर से कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं।
ऐसा हुआ तो सरकार को फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ेगा जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। " पाकिस्तान में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1,176 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 2,74,289 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान वायरस से संक्रमित 22 और लोगों की जान जाने से मृतक संख्या बढ़कर 5,842 हो गई। संक्रमण के कुल मामलों में सबसे अधिक 1,18,311 मामले सिंध में हैं।
इसके बाद पंजाब में 92,073, खैबर-पख्तूनख्वा में 33,397 , इस्लामाबाद में 14,884, बलूचिस्तान में 11,601 , पीओके में 2,034 और गिलगित-बाल्टिस्तान में 1,989 मामले हैं। अधिकारियों ने कहा कि कुल 2,74,289 मामलों में से 2,41,026 लोग ठीक हो चुके हैं और कुल 27, 421 लोगों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है। मंत्रालय ने कहा कि देश में मरीजों के ठीक होने की दर 87.87 प्रतिशत है। अधिकारियों ने बताया कि देश में अभी तक कुल 18, 90, 236 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 22,056 नमूने पिछले 24 घंटे में जांचे गए। ईद उल अज़हा एक अगस्त को मनाई जाएगी।