संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा कि ‘प्रतिगामी सोच’ वाले जो देश आतंकवाद का ‘राजनीतिक औजार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अवश्य समझना चाहिए कि उनके लिए भी यह समान रूप से एक बड़ा खतरा है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के पड़ोसी देश अक्सर ही उस पर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करने का आरोप लगाते हैं।
यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76 वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि नियम आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वर में बोलना होगा। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के अपनी सैन्य ताकत प्रदर्शित करने की ओर संभवत: इशारा करते हुए यह कहा।
विश्व द्वारा प्रतिगामी सोच के बढ़ते खतरे और चरमपंथ का सामना करने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल एक राजनीतिक औजार के रूप में कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी समान रूप से एक बड़ा खतरा है।
मोदी ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चत करना बिल्कुल जरूरी है कि अफगानिस्तान के भू-भाग का इस्तेमाल आतंकवाद का प्रसार करने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं हो। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी देश अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करे और अपने स्वार्थ के लिए उसका इस्तेमाल नहीं करे। ’’
मोदी ने कहा कि महासागर भी एक साझा धरोहर है।
उन्होंने, ‘‘हमारे महासागर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा हैं। हमें विस्तारवाद की होड़ से उसका अवश्य ही संरक्षण करना होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक नियम आधारित विश्व व्यवस्था मजबूत करने के लिए एक स्वर में बोलना होगा।
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