Coronavirus vaccine current status: इस वैक्सीन पर टिकी थीं दुनिया भर की निगाहें, जानें परीक्षण में मिली सफलता या हो गया फेल
By गुणातीत ओझा | Published: May 22, 2020 08:12 AM2020-05-22T08:12:01+5:302020-05-22T08:12:01+5:30
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चल रहा वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती चरण में ही फेल हो गया है। इस वैक्सीन का बंदरों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए देश-दुनिया के वैज्ञानिक और मेडिकल रिसर्चर्स दिन रात मेहनत कर वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं। एक वैक्सीन को विकसित करने में कई साल लग जाते हैं क्योंकि इसे कई क्लिनिकल ट्रायल से गुजरना पड़ता है। वैक्सीन से साइड-इफेक्ट न हो इसके लिए कई टेस्ट किए जाते हैं। दुनिया भर में वैक्सीन तैयार करने का काम तेजी से हो रहा है, हमारे पास COVID-19 के लिए 100 से अधिक संभावित टीके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए 7 से 8 वैक्सीन पर भरोसा जताया है, जिन्हें तैयार करने का प्रयास तेजी से चल रहा है।
इस दौड़ में, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन को प्रमुख संभावित टीकों में से एक माना जा रहा था। वैक्सीन कैंडिडेट ''ChAdOx1 nCoV-19'' के लिए शोधकर्ताओं ने सामान्य कोल्ड के कमजोर वायरस (adenovirus) का इस्तेमाल किया, जो चिंपांजी में संक्रमण का कारण बनता है और इसे SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के जेनेटिकल मैटेरियल के साथ मिलाया गया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चल रहा वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती चरण में ही फेल हो गया। इस वैक्सीन का बंदरों पर कोई खास असर नहीं दिखा।
वैक्सीन को इस तरह से तैयार किया जा रहा था कि जब शरीर में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन प्रवेश करें तो यह उसे पहचान ले और उसे खत्म करने के लिए इम्यून सिस्टम तैयार करे। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की जा रही COVID-19 वैक्सीन दुनिया भर में तैयार की जारी टॉप-8 वैक्सीन में लिस्टेड थी। चिंपाजी पर हुए परीक्षण के बाद इसे तैयार करने में लगे वैज्ञानिक और रिसर्चर्स को निराशा हाथ लगी है, यह केवल "आंशिक रूप से" प्रभावी है क्योंकि यह संक्रमण को रोकने में सक्षम नहीं था।
अक्टूबर तक चार करोड़ वैक्सीन तैयार कर लेने का था टारगेट
पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट पूरी दुनिया में वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता है। कोरोना वायरस के खिलाफ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट में तैयार की जा रही कैंडिडेट वैक्सीन का निर्माण की जिम्मेदारी भी सीरम इंस्टीट्यूट पर थी। ऑक्सफोर्ड के रिसर्चरों ने अप्रैल में अपने कैंडिडेट वैक्सीन "ChAdOx1 nCoV-19" का परीक्षण 1,110 लोगों पर शुरु किया था। सीरम इंस्टीट्यूट ने एक बयान में कहा था कि वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा तो अक्टूबर तक कंपनी 4 करोड़ टीके तैयार कर लेगी। महाराष्ट्र के पुणे में स्थित सीरम इंस्टीट्यूट हर साल 1.5 अरब वैक्सीन डोज का निर्माण करता है। कंपनी फिलहाल 165 देशों के लिए करीब 20 तरह के टीके बनाती है।