इस्लामाबादः पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी के कारण तीन महीने में 2,500 अरब रुपये का नुकसान होने तथा 1.85 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है।
एक स्थानीय मीडिया की खबर में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी। स्थानीय अखबार दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, यह आकलन कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये सीमित स्तर पर अथवा कुछ छूटों के साथ और उसके बाद पूर्ण लॉकडाउन को ध्यान में रखकर किया गया है।
खबर में कहा गया कि पाकिस्तान सीमित लॉकडाउन के दौर से गुजर चुका है और अब कुछ छूट के साथ लॉकडाउन के बाद पूरी तरह से लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है। अखबार ने बताया कि बृहस्पतिवार को योजना मंत्रालय में विभिन्न मंत्रालयों की बैठक हुई। इसी बैठक में नुकसान का आकलन किया गया।
अधिकारियों ने इस बैठक में पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स के शुरुआती शोध तथा विभिन्न सरकारी निकायों से प्राप्त आंकड़ों पर चर्चा की। योजना मंत्रालय ने आकलन के बाद पाया कि सीमित लॉकडाउन की स्थिति में अर्थव्यवस्था को 1,200 अरब रुपये का नुकसान हो सकता है।
यदि कुछ छूट के साथ लॉकडाउन की स्थिति रही तो नुकसान बढ़कर 1,960 अरब रुपये तथा पूरी तरह से लॉकडाउन की स्थिति में 2,500 अरब रुपये तक पहुंच सकता है। इसी तरह प्राथमिक आकलन के आधार पर सीमित रोक की स्थिति में 14 लाख लोगों के व कुछ छूट के साथ लॉकडाउन होने पर 1.23 करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। हालांकि, पूर्ण लॉकडाउन होने पर बेरोजगार होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1.85 करोड़ पर पहुंच सकती है।