ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा ने रूस पर वायरस टीके की जानकारी में सेंध लगाने का आरोप लगाया
By भाषा | Published: July 16, 2020 10:01 PM2020-07-16T22:01:44+5:302020-07-16T22:01:44+5:30
कोजी बियर नाम से भी पहचाने जाने वाला यह समूह रूस की खुफिया सेवा का हिस्सा है। खुफिया अधिकारी लगातार हो रही इस सेंधमारी को बौद्धिक संपदा की चोरी के तौर पर देख रहे हैं। वे इसे टीके के अनुसंधान में केवल रूकावट नहीं मानते हैं।
लंदनः ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने आरोप लगाया है कि रूस कोविड-19 का टीका विकसित करने में जुटे अनुसंधानकर्ताओं से इस बारे में सूचना चोरी करने का प्रयास कर रहा है।
तीन देशों ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि हैकिंग करने वाला समूह ''एपीटी29'' कोरोना वायरस के टीके को विकसित करने में जुटे अकादमिक और चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों में हैकिंग (डिजिटल सेंधमारी) कर रहा है। साथ ही कहा कि कोजी बियर नाम से भी पहचाने जाने वाला यह समूह रूस की खुफिया सेवा का हिस्सा है। खुफिया अधिकारी लगातार हो रही इस सेंधमारी को बौद्धिक संपदा की चोरी के तौर पर देख रहे हैं। वे इसे टीके के अनुसंधान में केवल रूकावट नहीं मानते हैं।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने इस बाबत घोषणा की, जिसने अमेरिका और कनाडा के विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि क्या कोई सूचना वाकई में चोरी की गई लेकिन राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने कहा कि माना जाता है कि किसी की व्यक्तिगत गोपनीय सूचना के साथ समझौता नहीं किया गया।
वाशिंगटन ने कोजी बीयर हैकिंग समूह के बारे में पहचान की थी कि यह कथित तौर पर रूसी सरकार से संबंधित दो हैंकिंग समूह में से एक है। इसने डेमोक्रटिक नेशनल कमेटी के कम्प्यूटर नेटवर्क में सेंधमारी की थी और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ईमेल चोरी किए थे।
चीन की कम्पनी ने अपने कर्मचारियों पर कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण करने का किया दावा
कोरोना वायरस टीका बनाने की वैश्विक दौड़ के बीच चीन की एक सरकारी कम्पनी ने दावा किया है कि सरकार के मनुष्य पर टीके के परीक्षण की अनुमति देने से पहले ही उसने शीर्ष अधिकारियों सहित अपने कर्मचारियों को इसकी प्रयोग्ताम्क खुराक दी है। ‘साइनोफार्म’ कम्पनी की ओर से ऑनलाइन ‘‘जीतने के लिए मदद करने वाले लोग’’ के शीर्षक वाली पोस्ट में उसके कर्मचारियों की एक तस्वीर है और लिखा था, टीका बनाने के ‘‘पूर्व परीक्षण’’ में मदद की।
चाहे इसे वीरतापूर्ण बलिदान के रूप में देखा जाए या अंतरराष्ट्रीय नैतिक मानदंडों का उल्लंघन लेकिन यह दावा एक विशाल दांव को रेखांकित करता है क्योंकि महामारी खत्म करने के लिए टीका बनाने की दौड़ में अमेरिका और ब्रिटिश कम्पनियों के साथ चीन की प्रतिस्पर्धा है। दावा सही साबित होने से उसकी वैज्ञानिक और राजनीतिक जीत होगी।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक वैश्विक जन स्वास्थ्य कानून विशेषज्ञ लॉरेंस गोस्टिन ने कहा कि कोविड-19 का टीका सभी को चाहिए लेकिन इसे पाना बेहद कठिन है। कोरोना वायरस को टीका बनाने की दौड़ में चीन ने पहले अपने आप को एक प्रबल दावेदार के तौर पर पेश किया है। दुनियाभर में दो दर्जन टीके मानव परीक्षण के विभिन्न स्तर पर हैं। उनमें से सबसे अधिक आठ चीन के हैं। वहीं ‘साइनोफार्म’ ने भी परीक्षण के अंतिम चरण में होने की घोषणा कर दी है, जिससे उसकी स्थिति और मजबूत होती दिख रही है।
दुनिया के सारे देशों तक टीके की आपूर्ति की योजना में 150 से अधिक देश शामिल
कोरोना वायरस के संभावित टीके की आपूर्ति दुनिया के सारे देशों में समान रूप से सुनिश्चित करने के मकसद से शुरू किए गए एक अभियान में 70 से अधिक धनवान देश जुड़ गए हैं। अभियान के तहत संपन्न देश अपने नागरिकों के लिए भी अधिक टीकों का भंडार जमा कर सकते हैं। टीका बनाने के लिए बने गठजोड़ ‘गावी’ ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 75 देशों ने कहा है कि वे कम आय वाले ऐसे 90 अन्य देशों के साथ उसकी नयी ‘कोवेक्स फेसिलिटी’ से जुडेंगे जिन्हें टीके मिलने की आस है।
एपी ने इस सप्ताह खबर प्रकाशित की थी कि गावी की पहल से अमीर देश अपने खुद के लिए कोरोना वायरस टीकों की आपूर्ति कर सकते हैं वहीं कुछ टीके अधिक संवेदनशील आबादी वाले देशों के लिए रख सकते हैं। गावी के सीईओ सेथ बर्कले ने एक बयान में कहा, ‘‘अनेक देश, चाहे वे अपने लिए टीके खरीदने की क्षमता रखते हों या उन्हें मदद की दरकार हो, उनके लिए इस मिशन का उद्देश्य है कि जरूरी टीके मिलना सुनिश्चित हो तथा इस मामले में वे पिछड़े नहीं।’’
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए विश्व भर में अनेक टीकों पर अनुसंधान चल रहा है। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश टीकों का परीक्षण सफल होने से पहले ही लाखों डोज का ऑर्डर दे चुके हैं। बर्कले ने माना कि टीकों की खरीद के संबंध में कोई प्रणाली नहीं है लेकिन गावी इस संबंध में संभावित समाधानों की दिशा में काम करने के लिए अमीर देशों से बात करेगा। एपी मानसी शोभना शोभना