Coronavirus: न्यूयॉर्क की दिल दहला देने वाली घटना, लाशों के अंबार के बीच कर दिया जिंदा सहकर्मी का दाह संस्कार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 13, 2020 07:34 AM2020-04-13T07:34:36+5:302020-04-13T07:34:36+5:30
अमेरिका में कोरोना वायरस से 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हालात ऐसे हो गए हैं कि कब्रितानों में शव को दफनाने की जगह कम पड़ने के कारण इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों का भी इस्तेमाल हो रहा है।
कोरोना वायरस के कारण अमेरिका के हालात बहुत भयावह हो चुके हैं. देश में सबसे खराब स्थिति न्यूयॉर्क की है जहां मुर्दाघरों में लाशों के अंबार लगे हैं. कब्रितानों में शव को दफनाने की जगह कम पड़ने के कारण इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों में भी अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं. शवों के अंतिम संस्कार के लिए मुर्दाघरों के कर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं.
इस त्रासदी के बीच न्यूयार्क के मुर्दाघर की एक घटना ने दहला कर रख दिया है. यहां मुर्दाघर में थकान से चूर एक कर्मचारी को झपकी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. दाह संस्कार सेवा के एक कर्मचारी की उसके एक सहकर्मी द्वारा दुर्घटनावश अंतिम संस्कार करने के बाद मृत्यु हो गई.
पुलिस के अनुसार माइकल जोंस (48) ने 16 घंटों तक लगातार काम करने के बाद झपकी लेने का फैसला किया. दरअसल माइकल कुछ देर आराम करने के लिए लेटे और उनकी आंख लग गई तो एक अन्य कर्मचारी ने उनको गलती से कोरोना मरीज की लाश समझ लिया और उसे श्मशान के दाह संस्कार केंद्र तक ले गया.
इससे पहले कि कोई इस गलती को नोटिस करता साथी कर्मी ने सो रहे माइकल को पहले से 1400 से 1800 डिग्री फेरनहीट तापमान वाले दाह संस्कार बाक्स में धकेल दिया जिससे जिंदा माइकल का शरीर पलक झपकते ही राख में तबदील हो गया. पुलिस मामले की वास्तविकता का पता लगाने के लिए जांच कर रही है. कोरोना के कहर के कारण अमेरिका में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
मौत के पहले 15 सेकंड की हृदय विदारक चीख: माइकल के सहकर्मियों में एक जेना एंडरसन का कहना है कि शवदाह के सक्रिय होने के बाद उन्हें लगभग 15 सेकंड तक चीखते सुना गया.
जेना के अनुसार, 'पहले, हमें समझ नहीं आया कि चीखने की आवाज कहां से आ रही है लेकिन जब हमें असलियत का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी. हमने हीटिंग सिस्टम को बंद कर दिया, लेकिन तब तक माइकल की मौत हो चुकी थी.'
एंडरसन ने कहा कि नया कर्मचारी यह जांच नहीं कर सका कि लेटा व्यक्ति जिंदा है या मुर्दा. दरअसल वह मुर्दा के पैर की अंगुली पर लगाए जानेवाले टैग की जांच करना भूल गया था.