चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस खतरनाक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे अब तक 170 लोगों की मौत हो गई। जबिक 1000 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को खतरनाक कोरोना वायरस को लेकर हरसंभव उठाने की चेतावनी दी है।
चीन में घातक कोरोना वायरस का कहर इस कदर बढ़ता जा रहा है कि करीब 6,000 लोगों के इसकी चपेट में आने की भी पुष्टि की गई है।
WHO ने बुलाई आपात बैठ
ऐसे में डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को एक आपात बैठ बुलाई है। इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि इस वायरल महामारी को ग्लोबल हेल्थ इमर्जेंसी घोषित करना चाहिए या नहीं। अगर सी बैठक में कोरोना वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमर्जेंसी घोषित किया गया तो इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाए जा सकेंगे।डब्ल्यूएचओ के प्रमुख तेद्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने मंगलवार को कहा कि संगठन विदेशी नागरिकों को चीन के विषाणु संक्रमित प्रांत हुबेई से निकालने की अनुशंसा नहीं करता है। उन्होंने विश्व समुदाय से शांत रहने की भी अपील की।
उनका बयान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के दौरान आया। भारत, अमेरिका और कई अन्य देश हुबेई प्रांत से अपने नागरिकों को बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं। हुबेई प्रांत में 250 से अधिक भारतीय हैं जिनमें अधिकतर छात्र, रिसर्च स्कॉलर और पेशेवर हैं।
इस प्रांत की राजधानी वुहान है जहां खतरनाक कोरोना वायरस फैला हुआ है। तेद्रोस ने बीजिंग को आश्वासन दिया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में हरसंभव मदद करेंगे। उन्होंने विश्व समुदाय से कहा कि शांत रहें और महामारी के परिप्रेक्ष्य में ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दें जिससे चीन में सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।