कोविड-19 महामारीः प्रभावी टीके की जरूरत, 70 प्रतिशत आबादी में घातक विषाणु को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज हो

By भाषा | Published: August 18, 2020 07:30 PM2020-08-18T19:30:10+5:302020-08-18T19:33:16+5:30

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आधी आबादी में भी कोरोना वायरस से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता हो तो एक रक्षात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है।

Coronavirus covid-19 pandemic need effective vaccines 70 percent of population antibodies defeat deadly virus | कोविड-19 महामारीः प्रभावी टीके की जरूरत, 70 प्रतिशत आबादी में घातक विषाणु को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज हो

‘‘हमें सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए।’’

Highlightsअभी कहीं भी कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होने जैसी स्थिति में नहीं है। सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्यूनिटी) विशेष तौर पर टीकाकरण के माध्यम से हासिल की जाती है।वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी में घातक विषाणु को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज होनी चाहिए।

लंदनः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि विश्व अभी कहीं भी कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होने जैसी स्थिति में नहीं है।

सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्यूनिटी) विशेष तौर पर टीकाकरण के माध्यम से हासिल की जाती है और अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी में घातक विषाणु को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज होनी चाहिए। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आधी आबादी में भी कोरोना वायरस से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता हो तो एक रक्षात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के प्रमुख डॉक्टर माइकल रेयान ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस सिद्धांत को खारिज करते हुए कहा, ‘‘हमें सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक आबादी के रूप में, अभी हम उस स्थिति के कहीं आसपास भी नहीं हैं जो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है। यह कोई समाधान नहीं है और न ही यह ऐसा कोई समाधान है जिसकी तरफ हमें देखना चाहिए। आज तक हुए अधिकतर अध्ययनों में यही बात सामने आई है कि केवल 10 से 20 प्रतिशत आबादी में ही संबंधित एंटीबॉडीज हैं।’’

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. ब्रूस एलवार्ड ने कहा कि किसी कोविड-19 टीके के साथ व्यापक टीकाकरण का उद्देश्य विश्व की 50 प्रतिशत से काफी अधिक आबादी को इसके दायरे में लाने का होगा।

ब्रिटेन ने कोरोना व संक्रामक रोगों से निपटने के लिए नयी स्वास्थ्य इकाई बनायी

ब्रिटेन सरकार ने कोविड-19 महामारी और अन्य संक्रामक रोगों से निपटने के लिए मंगलवार को विज्ञान आधारित एक बिल्कुल नयी स्वास्थ्य इकाई गठित करने की पुष्टि की। इस संबंध में पिछले हफ्ते खबरें आयी थीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा संस्थान (एनआईएचपी) एकल कमान के तहत काम करेगी। विभिन्न मौजूदा इकाइयां इसके तहत आएंगी।

इन इकाइयों में सार्वजनिक स्वास्थ्य इंग्लैंड (पीएचई), राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) टेस्ट आदि शामिल हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने लंदन में एक भाषण में नयी इकाई की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस वायरस पर काबू के लिए खुद को सबसे अच्छा मौका देने की खातिर तथा भविष्य में अन्य स्वास्थ्य खतरों के मद्देनजर तैयार होने के लिए हम एक नया संगठन बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नए संगठन से हम कोविड​​-19 के खिलाफ लड़ाई के अगले चरण में बेहतर स्थिति में आ सकेंगे। सरकार के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग (डीएचएससी) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए चल रहे कार्य में व्यवधान को कम करने के लिए नए संगठन को औपचारिक रूप से 2021 की पहली छमाही से चालू किया जाएगा।

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