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पाकिस्तान भेजा गया अफगानिस्तान का महत्वपूर्ण डेटा, सी 170 विमान में दस्तावेज से भरा बैग पहुंचा

By दीप्ती कुमारी | Updated: September 11, 2021 13:33 IST

अफगानिस्तान में तालिबान के शासन से सबसे ज्यादा पाकिस्तान खुश नजर आ रहा है और यह बात पाकिस्तान के प्रमुख ने खुलकर स्वीकार भी की है । अब सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण दस्तावेज पाकिस्तान भेजे गए हैं ।

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ठळक मुद्देतालिबान ने देश का महत्वपूर्ण डेटा पाकिस्तान के साथ किया साझासी 170 के तीनों विमानों से दस्तावेज के बैग भेजे गए आवाजाही का समन्वय पाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद ने किया

इस्लामाबाद :  अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार की घोषणा लगभग हो चुकी है । देश के लिए आर्थिक योजनाओं की घोषणा के एक दिन बाद अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण वर्गीकृत डेटा को पाकिस्तान भेजा गया । दरअसल पाकिस्तान शुरू से ही अफगानिस्तान में तालिबान का समर्थन करता आया है । अब दस्तावेजों के फेरबदल से इस बात को और जोर मिल गया है । 

हालांकि 9/11 के हमले के कारण तालिबान ने अंतरिम सरकार की शपथ योजना को रद्द कर दिया है । अमेरिका में आतंकवादी हमले की यह 20 वीं वर्षगांठ है । अंतरिम सरकार की घोषणा 7 सितंबर को की गई थी । 

सूत्रों के अनुसार मानवीय सहायता के साथ गुरुवार को काबुल के लिए आए तीन सी170 विमान दस्तावेजों से भरे बैग के साथ रवाना हुआ । सीएनएन न्यूज 18 ने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ काम करने वाले एक सूत्र के हवाले से कहा कि ये पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा लिए गए गोपनीय दस्तावेज थे। दस्तावेज़ मुख्य रूप से एनडीएस वर्गीकृत दस्तावेज़, हार्ड डिस्क और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड हैं।

शीर्ष सूत्रों ने कहा कि आईएसआई द्वारा अपने उपयोग के लिए डेटा को डिक्रिप्ट किया जाएगा, जो एक बड़ा सुरक्षा खतरा पैदा कर सकता है । सूत्रों ने कहा कि इससे तालिबान सरकार भी पाकिस्तान पर निर्भर हो जाएगी । सूत्रों के अनुसार दस्तावेजों की आवाजाही का समन्वय पाकिस्तान के अफगानिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद ने किया था । 

पड़ोसी देशों ने भी पाकिस्तानी रुपये में द्विपक्षीय व्यापार करने का फैसला किया है । इससे पहले, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तालिबान का द्विपक्षीय व्यापार अमेरिकी डॉलर में था, और अफगान मुद्रा शक्तिशाली थी । इस कदम से पाकिस्तान की मुद्रा का अफगान व्यापारियों और व्यापारिक समुदाय पर कब्जा हो जाएगा ।

तालिबान ने ऐसे कई नेताओं को अपनी सरकार में महत्वपूर्ण पद दिए है, जिनका नाम आतंकवादियों की हिट लिस्ट में है । उसके बाद तालिबान और अफगानिस्तान की ओर से दस्तावेजों लेन-देन भी संशय पैदा कर रहा है ।  

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