राष्ट्रपति शी जिनपिंग का विरोध शुरू, काई शिया बोले-चीन और भारत में बढ़ा रहे टकराव, सीपीसी ने मुखर आलोचक को किया निष्कासित
By भाषा | Updated: August 19, 2020 14:35 IST2020-08-19T14:35:47+5:302020-08-19T14:35:47+5:30
सेंट्रल पार्टी स्कूल की पूर्व प्रोफेसर काई शिया को निष्कासित कर दिया। स्कूल की वेबसाइट पर लगे एक नोटिस के हवाले से कहा गया कि काई (68) को इसलिए दंडित किया गया क्योंकि उन्होंने राजनीतिक समस्या पैदा करने वाले भाषण दिए।

सेंट्रल पार्टी स्कूल से निलंबित की गईं प्रोफेसर काई शिया ने कहा है कि राष्ट्रपति के हाथों में बेलगाम सत्ता रहने से चीन दुनिया का दुश्मन बन गया है।
बीजिंगः चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक मुखर आलोचक को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति पर आरोप लगाया था कि वह चीन के लोगों का आर्थिक और सामाजिक दिक्कतों से ध्यान भटकाने के लिए भारत और चीन के बीच विवाद को भड़का रहे हैं।
हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ के मुताबिक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ने ‘‘भाषणों से देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए’’ सेंट्रल पार्टी स्कूल की पूर्व प्रोफेसर काई शिया को निष्कासित कर दिया। स्कूल की वेबसाइट पर लगे एक नोटिस के हवाले से कहा गया कि काई (68) को इसलिए दंडित किया गया क्योंकि उन्होंने राजनीतिक समस्या पैदा करने वाले भाषण दिए।
नोटिस में कहा गया कि उनके भाषण काफी भड़काऊ किस्म के थे और उन्होंने पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया। काई ने अखबार को बताया कि वह सुरक्षित हैं और अमेरिका में हैं। हालांकि उन्होंने ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया।
ब्रिटेन के ‘गार्डियन’ अखबार को जून में एक साक्षात्कार में काई ने कहा था कि शी जिनफिंग चीन और भारत के बीच टकराव को बढ़ा रहे हैं और अपने फायदे तथा दबदबा बढ़ाने के लिए अमेरिका विरोधी भावनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। सेंट्रल पार्टी स्कूल से निलंबित की गईं प्रोफेसर काई शिया ने कहा है कि राष्ट्रपति के हाथों में बेलगाम सत्ता रहने से चीन दुनिया का दुश्मन बन गया है।
चीन के धनाढ्य वर्गों और सीनियर अधिकारियों की ट्रेनिंग के लिए बने सेंट्रल पार्टी स्कूल की पूर्व प्रोफेसर ने शी जिनपिंग पर आरोप लगाया है कि उनकी नीतियां देश को खत्म कर रही हैं. प्रोफेसर काई ने अपनी सुरक्षा के ख्याल से चीन को छोड़ दिया है। सेंट्रल पार्टी स्कूल ने कहा कि उनकी टिप्पणी ने देश की साख को नुकसान पहुंचाया और इससे गंभीर राजनीतिक समस्याएं पैदा हुईं।
अंग्रेजी अखबार द गार्जियन से उन्होंने कहा कि वे देश से निर्वासित होकर खुश हैं. काई शिया ने कहा, " शी के शासनकाल में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी चीन के लिए प्रगति की ताकत नहीं रह गई है, वास्तव में ये लोग चीन के विकास के लिए बाधक बन गए हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि सिर्फ मैं ही नहीं हूं जो पार्टी छोड़ना चाहती हूं, कई लोग हैं जो पार्टी छोड़ना चाहेंगे। मैंने कई साल पहले पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था जब मेरे बोलने के लिए जगह नहीं बची थी।"