कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय कोविड दवाओं के लिए काला बाजार की ओर रुख कर रहे चीनी: रिपोर्ट
By मनाली रस्तोगी | Published: December 28, 2022 04:37 PM2022-12-28T16:37:10+5:302022-12-28T16:40:09+5:30
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि चीनी सस्ती लेकिन अवैध रूप से भारत से आयातित जेनेरिक दवाओं का विकल्प चुन रहे हैं।
बीजिंग: एक रिपोर्ट में कहा गया कि देश में एक अभूतपूर्व महामारी फैलने के बीच चीनी जनता ने जेनेरिक कोविड दवाओं के लिए काला बाजार का रुख किया है। चीन ने इस साल दो कोविड-19 एंटीवायरल को मंजूरी दी फाइजर के पैक्सलोविड और अजवुडिन। ये दोनों ही चीन के कुछ अस्पतालों में उपलब्ध हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि चीनी सस्ती लेकिन अवैध रूप से भारत से आयातित जेनेरिक दवाओं का विकल्प चुन रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत से चार प्रकार की जेनेरिक एंटी-कोविड दवाएं प्रिमोविर, पैक्सिस्टा, मोलनुनाट और मोलनाट्रिस ब्रांड नाम से चीनी बाजार में अवैध रूप से बेची जा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जेनरिक को चीनी सरकार ने मंजूरी नहीं दी है और उन्हें बेचना दंडनीय अपराध है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने पहले संभावित जोखिमों की चेतावनी दी थी।
यही नहीं, लोगों से अवैध चैनलों से दवाएं नहीं खरीदने का आग्रह किया था। बताते चलें कि चीनी अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव है क्योंकि बढ़ती कोविड लहर ने संसाधनों को खत्म कर दिया है, जबकि प्रकोप के पैमाने ने कुछ देशों को चीनी आगंतुकों पर नए यात्रा नियमों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। चीन ने इस महीने व्यापक विरोध के बाद लॉकडाउन और व्यापक परीक्षण के दुनिया के सबसे सख्त कोविड शासन को खत्म करना शुरू कर दिया, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था अगले साल पूरी तरह से फिर से खुलने के रास्ते पर आ गई।