फिर ताइवान की सीमा में घुसे चीन के लड़ाकू विमान और युद्धपोत, रक्षा मंत्रालय ने किया ट्रैक
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 25, 2023 05:29 PM2023-04-25T17:29:59+5:302023-04-25T17:31:37+5:30
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 23 और 24 अप्रैल को भी क्षेत्र में चीनी लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों की गतिविधियां देखी गई हैं। चीन के इन कदमों से ताइवान में भय है और वह अब अपनी रक्षा के लिए जरूरी हथियार जुटाने की कोशिश में लगा है।
नई दिल्ली: अपनी सैन्य ताकत के दम पर ताइवान को डराकर रखने की चीन की कोशिशें लगातार जारी हैं। बीते 8 से 10 अप्रैल तक चीन ने ताइवान के तट के पास आक्रामक सैन्य अभ्यास किया था। अब ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि 23 और 24 अप्रैल को भी क्षेत्र में चीनी लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों की गतिविधियां देखी गई हैं।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (पीएलएएएफ) के 13 सैन्य विमान और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के तीन युद्धपोतों को ताइवान के आसपास ट्रैक किया गया है। ताइवान के हवाई क्षेत्र के बेहद नजदीक पहुंचे चीनी विमानों में से एक ने ताइवानी वायु क्षेत्र की सीमा का उल्लंघन भी किया। इन विमानों में पनडुब्बी रोधी हेलिकॉप्टर भी थे।
हाल फिलहाल में चीन ने ताइवान के पास अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं। बीते मार्च महीने से 325 चीनी लड़ाकू विमान और 100 से ज्यादा नौसेनिक पोत ताइवानी रक्षा क्षेत्र का उल्लंघन कर चुके हैं। चीनी आक्रमकता को देखते हुए ताइवान ने भी अपनी तैयारियां पुख्ता करनी शुरू कर दी हैं। हाल ही में ताइवान को अमेरिका से अत्यधुनिक पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम प्राप्त हुआ है।
रिपोर्ट्स के अनुसार ताइवान अमेरिका से जमीन से दागी जाने वाली पोत रोधी हार्पून मिसाइलें भी खरीदने वाला है। जानकारी के अनुसार ताइवान 400 हारपून मिसाइलों के सौदे के अंतिम रूप देने की तैयारी में है। इसके लिए ताइवान की संसद ने साल 2022 में ही मंजूरी दे दी थी। ऐसा पहली बार होगा जब ताइवान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सक्षम जमीन आधारित हार्पून मिसाइल मिलने जा रही है। इससे पहले ताइवान ने अमेरिका से युद्धपोत के जरिए दागे जाने वाली हार्पून मिसाइलें खरीदी थीं।
बीते दिनों 71 लड़ाकू विमान और 9 युद्धपोतों के साथ चीन ने ताइवान पर वास्तविक हमले का अभ्यास किया था। चीन ने अपना सैन्य अभ्यास ये ध्यान में रखकर किया कि अगर ताइवान पर कब्जे की अंतिम लड़ाई छेड़ी गई तो इसे कैसे संचालित करना है। चीन के इन कदमों से ताइवान में भय है और वह अब अपनी रक्षा के लिए जरूरी हथियार जुटाने की कोशिश में लगा है।