चीन-अमेरिका तनावः यूएस के राजनयिकों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा, किसी भी हिस्से में नहीं जा सकेंगे
By भाषा | Published: September 12, 2020 04:02 PM2020-09-12T16:02:18+5:302020-09-12T16:02:18+5:30
बयान में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह नियम बीजिंग में अमेरिकी दूतावास और पूरे चीन में स्थित वाणिज्यदूतावासों के वरिष्ठ राजनयिकों एवं अन्य कर्मियों पर लागू होगा। हालांकि प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने ' दोनों देशों के बीच सभी क्षेत्रों में सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग का समर्थन किया है।'
बीजिंगः चीन और हांगकांग में काम कर रहे अमेरिका के राजनयिकों की गतिवधियों पर चीन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की है और इसे पिछले साल अमेरिका में चीन के राजनयिकों पर लगे इसी तरह के प्रतिबंध की प्रतिक्रिया के रूप में उचित कदम करार दिया है।
शुक्रवार देर रात जारी ऑनलाइन बयान में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह नियम बीजिंग में अमेरिकी दूतावास और पूरे चीन में स्थित वाणिज्यदूतावासों के वरिष्ठ राजनयिकों एवं अन्य कर्मियों पर लागू होगा। हालांकि प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने ' दोनों देशों के बीच सभी क्षेत्रों में सामान्य आदान-प्रदान और सहयोग का समर्थन किया है।'
अगर अमेरिका पिछले साल अक्टूबर में लागू कदमों को वापस ले ले तो यह प्रतिबंध हटाया जा सकता है। प्रवक्ता की पहचान जाहिर नहीं की गई है। प्रवक्ता ने कहा, '' एक बार फिर हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह अपनी गलतियों को सुधारें और चीन के दूतावास और उसके कर्मियों पर लगे अनुचित प्रतिबंध हटाएं और चीन भी अमेरिका के कदमों पर परस्पर कदम उठाएगा। हालांकि अभी नए प्रतिबंधों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। अमेरिका के राजनयिकों पर पहले से ही चीन के किसी भी हिस्से में जाने और कॉलेज परिसरों तक पहुंच के लिए प्रतिबंध है।
अमेरिका ने जताई उम्मीद: दोहा शांति वार्ता से अफगानिस्तान में खत्म हो सकेगा युद्ध
अफगानिस्तान की निर्वाचित सरकार और तालिबान के बीच ऐतिहासिक शांति वार्ता से पहले अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म करने की खातिर राजनीतिक खाका तैयार के लिए दोनों धड़े एक समझौते पर सहमत होंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो दोहा वार्ता आरंभ होने के दौरान मौजूद रहेंगे और वह दोहा के लिए रवाना भी हो चुके हैं। अफगान सुलह प्रक्रिया के संबंध में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जे खलीलजाद ने कहा, ‘‘बीते 40 साल में पहली बार अफगान लोग साथ में बैठेंगे, सरकारी प्रतिनिधिमंडल में ऐसे लोग होंगे जो सरकार का हिस्सा नहीं हैं, चार जानी मानी महिलाएं होंगी, नागरिक समाज, राजनीतिक समूह आदि सभी तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि अफगानिस्तान जिस युद्ध से जूझ रहा है उसे समाप्त करने के लिए एक राजनीतिक रूपरेखा तैयार करने के समझौते पर पहुंचेंगे।’’ बहुप्रतीक्षित दोहा शांति वार्ता शुरू होने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए खलीलजाद ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग युद्ध को खत्म करना चाहते हैं।