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चीन ने ताइवान की तरफ 24 घंटे के अंदर भेजे 103 लड़ाकू विमान और 9 नौसैनिक पोत, ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 18, 2023 10:27 IST

ताइवान ने सोमवार, 18 सितंबर को कहा कि चौबीस घंटे की अवधि में चीन के 103 लड़ाकू विमानों ने उसकी तरफ उड़ान भरी। यह हाल के वर्षों में चीन द्वारा एक दिन में ताइवान की तरफ भेजे जाने वाले लड़ाकू विमानों की सर्वाधिक संख्या है।

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ठळक मुद्देअपनी ताकत का धौंस दिखाने से चीन बाज नहीं आ रहा है चौबीस घंटे की अवधि में चीन के 103 लड़ाकू विमानों को ताइवान की तरफ भेजाचीनी विमान हमेशा की तरह ताइवान पहुंचने से पहले ही लौट गए

नई दिल्ली: पड़ोसी देशों के अपनी ताकत का धौंस दिखाने से चीन बाज नहीं आ रहा है। ताजा मामला ताइवान से जुड़ा है। इस द्वीप देश को चीन अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। आए दिन चीन अपनी सैन्य ताकत से ताइवान को डराने की कोशिश करता रहता है। हाल ही में चीन ने फिर अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान की सीमा के पास भेजकर संदेश देने की कोशिश की है।

ताइवान ने सोमवार, 18 सितंबर को कहा कि चौबीस घंटे की अवधि में चीन के 103 लड़ाकू विमानों ने उसकी तरफ उड़ान भरी। यह हाल के वर्षों में चीन द्वारा एक दिन में ताइवान की तरफ भेजे जाने वाले लड़ाकू विमानों की सर्वाधिक संख्या है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने सोमवार सुबह समाप्त हुई चौबीस घंटे की अवधि में 103 चीनी लड़ाकू विमानों के द्वीप की तरफ उड़ान भरने का पता लगाया। मंत्रालय के मुताबिक, चीनी विमान हमेशा की तरह ताइवान पहुंचने से पहले ही लौट गए।

बता दें कि ताइवान एक स्वशासित द्वीप है, जिस पर चीन अपना दावा जताता है। चीन ने ताइवान और अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच द्वीप के आसपास हवा और पानी में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए हैं, जिसे कुछ देश उकसावे भरी कार्रवाई के रूप में देखते हैं। अमेरिका ताइवान का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता है और वह ताइवान की स्थिति को बलपूर्वक बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रविवार सुबह से सोमवार तड़के के बीच द्वीप की तरफ उड़ान भरने वाले 40 चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान और मुख्य भूमि चीन के बीच प्रतीकात्मक मध्य रेखा को पार किया। मंत्रालय के अनुसार, चीन ने चौबीस घंटे की अवधि में द्वीप की तरफ नौ नौसैनिक पोत भी भेजे। मंत्रालय ने चीन की सैन्य कार्रवाई को “उत्पीड़न” करार दिया। उसने चेताया कि इससे क्षेत्र में पहले से ही व्याप्त तनाव में और इजाफा हो सकता है। 

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “हम बीजिंग के अधिकारियों से जिम्मेदारी लेने और इस तरह की विनाशकारी सैन्य गतिविधियों को तुरंत रोकने का आग्रह करते हैं।” चीन ने पिछले हफ्ते ताइवान के पास जल क्षेत्र में विमानवाहक पोत शेदॉन्ग सहित जहाजों का एक बेड़ा भेजा था। यह कदम अमेरिका और कनाडा के ताइवान जलडमरूमध्य के रास्ते युद्ध पोत रवाना करने के तुरंत बाद उठाया गया था। ताइवान जलडमरूमध्य ताइवान को मुख्य भूमि चीन से अलग करता है।

चीन ने ताइवान के पास स्थित अपने फुजियान प्रांत में एक एकीकृत विकास प्रदर्शन क्षेत्र की स्थापना संबंधी योजना से भी पर्दा उठाया था, जिसे विशेषज्ञों ने द्वीप को लुभाने के साथ-साथ उसे चेतावनी देने की कोशिश बताया था। चीन की हालिया कार्रवाई ताइवान में अगले साल जनवरी में प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास हो सकता है। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, जो द्वीप की औपचारिक स्वतंत्रता की पक्षधर है, चीन सरकार के खिलाफ मुखर रही है। इसके चलते चीन विपक्षी उम्मीदवारों का समर्थन करता है, जो उसके साथ काम करने की वकालत करते हैं।

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