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चीन ने कहा बीबीसी फैला रहा फेक न्यूज, हेनान प्रांत में भयानक बाढ़ की रिपोर्ट को किया खारिज 

By अभिषेक पारीक | Updated: July 29, 2021 19:07 IST

चीन के विदेश मंत्रालय ने बीबीसी और उसके चीन के संवाददाता रॉबिन ब्रांट पर हेनान प्रांत में आई बाढ़ सहित अन्य मामलों में फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया है।

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ठळक मुद्देचीन के विदेश मंत्रालय ने बीबीसी पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया है। बीबीसी को ‘रूमर ब्रॉडकास्टिंग कंपनी‘ (अफवाह प्रसारित करने वाली कंपनी) बताया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीबीसी की रिपोर्टिंग को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया है। 

चीन के विदेश मंत्रालय ने बीबीसी और उसके चीन के संवाददाता रॉबिन ब्रांट पर हेनान प्रांत में आई बाढ़ सहित अन्य मामलों में फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही बीबीसी को 'रूमर ब्रॉडकास्टिंग कंपनी' (अफवाह प्रसारित करने वाली कंपनी) बताया है। चीन का यह बयान बीबीसी द्वारा विदेशी पत्रकारों को खतरे में डालने के आरोप के बाद आया है। बीबीसी ने मंगलवार को ट्विटर पर एक बयान पोस्ट किया था। जिसमें उसने लिखा, 'विदेशी पत्रकारों को खतरे में डालने वाले इन हमलों को रोकने के लिए चीन की सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।'

फॉरेन मीडिया क्लब ऑफ चाइना (एफसीसीसी) ने मंगलवार को दावा किया था कि चीन की जनता की ओर से विदेशी मीडिया के साथ दुश्मनी बढ़ रही है। साथ ही कहा था कि चीन में हालिया बाढ़ को कवर करने के दौरान कई मीडिया आउटलेट्स के पत्रकारों को ऑनलाइन और स्थानीय लोगों द्वारा परेशान किया गया। बीबीसी और लॉस एंजिल्स टाइम्स के पत्रकारों को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं। 

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि बीबीसी लंबे समय से चीन के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रस्त है और उसने चीन के हांगकांग, शिनजियांग और कोविड-19 महामारी से संबंधित मुद्दों से जुड़ी फेक न्यूज और अफवाहों को पैदा किया है। उन्होंने कहा कि बीबीसी पत्रकारिता की आचार संहिता से दूर हो गया है, जिसके कारण चीन में उसकी छवि खराब हुई है। 

झाओ ने बीबीसी के चीन में संवाददाता और झेंग्झों में बाढ़ से जुड़ी स्टोरी कवर करने वाले रॉबिन ब्रांट को लेकर कहा, 'उन्होंने चीन की सरकार की बचाव की कोशिशों और साहसी स्थानीय लोगों को नजरअंदाज करना चुना और विचारधारा को सच्चाई से ऊपर रखा।' उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से पूर्वाग्रह से भरी ऐसी रिपोर्ट बीबीसी की विश्वसनीयता को दिवालिया ही करेगी और स्वाभाविक रूप से नेटवर्क का चीन के लोगों द्वारा स्वागत नहीं किया जाएगा'।

पूर्वाग्रह से ग्रस्त स्वीकार नहीं-झाओ

एफसीसीसी को लेकर झाओ ने कहा कि चीन ने कभी भी ऐसे संगठन को स्वीकार नहीं किया है जो चीन को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त कुछ मीडिया आउटलेट्स द्वारा संचालित हैं। उन्होंने कहा कि यह चीन में 400 से अधिक विदेशी पत्रकारों की सच्ची आवाज का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। झाओ ने कहा कि चीन दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है।

इसलिए बिफरा है चीन 

बीबीसी के संवाददाता रॉबिन ब्रांट ने बाढ़ के दौरान एक ट्रेन के डिब्बे में कई लोगों के मरने के बाद चीन की सरकार की नीतियों को लेकर सवाल किए थे। जिसके बाद उनके खिलाफ नफरत भरे पोस्ट किये जाने लगे। साथ ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक मैसेज कर अपने समर्थकों से कहा गया कि वे बीबीसी की रिपोर्टिंग से जुड़ी जानकारियों को जुटाएं। 

टॅग्स :चीनबीबीसीबाढ़
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