चीन ने कोविड-19 टीके से जुड़ी कूटनीति में भारत से शिकस्त मिलने की खबरों को तवज्जो नहीं दी

By भाषा | Published: February 26, 2021 08:28 PM2021-02-26T20:28:14+5:302021-02-26T20:28:14+5:30

China did not listen to reports of India losing to Kovid-19 vaccine diplomacy | चीन ने कोविड-19 टीके से जुड़ी कूटनीति में भारत से शिकस्त मिलने की खबरों को तवज्जो नहीं दी

चीन ने कोविड-19 टीके से जुड़ी कूटनीति में भारत से शिकस्त मिलने की खबरों को तवज्जो नहीं दी

(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 26 फरवरी चीन ने कई देशों को कहीं अधिक मात्रा में भारत द्वारा कोविड-19 टीके की आपूर्ति किये जाने का शुक्रवार को स्वागत किया और इन खबरों को तवज्जो नहीं दी कि टीके उपलब्ध कराने की दौड़ में इस पड़ोसी देश ने उसे मात दे दी है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इसका स्वागत करते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि और अधिक संख्या में देश महामारी से निपटने की वैश्विक कवायद में मदद करने के लिए विश्व को टीके की आपूर्ति करेंगे, खासतौर पर विकासशील देशों को...।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चीन अन्य देशों को टीके मुहैया करने में अपनी घरेलू समस्याओं से उबर रहा है।’’ उन्होंने चीन की 1.4 अरब आबादी का टीकाकरण करने के लिए टीके की जरूरत का जिक्र करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि चीन 53 देशों को टीके मुहैया कर रहा है और 27 देशों को इसका निर्यात कर रहा है। उन्होंने इनमें से कई देशों को चीनी टीके अब तक प्राप्त नहीं होने या वादे के अनुरूप मात्रा में आपूर्ति नहीं किये जाने की खबरों के मद्देनजर यह कहा।

चीन ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित ‘कोवैक्स’ पहल को एक करोड़ टीके उपलब्ध कराने का वादा किया है, लेकिन कोवैक्स के लिए टीकों की प्रथम आपूर्ति भारत के सीरम इंस्टीट्यूट से की गई थी, जो घाना के लिए थी।

भारत ने बुधवार को कोवैक्स के तहत घाना को कोविड-19 के छह लाख टीकों की पहली खेप भेजी।

गौरतलब है कि कोवैक्स अंतरराष्ट्रीय सहयोग वाला कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य कम या मध्यम आय वाले देशों तक कोविड-19 के टीकों की निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करना है।

भारत, कोविड-19 के दो टीके उत्पादित कर रहा है। इनमें एक टीका एसआईआई,पुणे का कोविशील्ड है, जिसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है। वहीं, दूसरा टीका कोवैक्सीन है, जिसका उत्पादन भारत बायोटेक कर रहा है।

आगामी हफ्तों में कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिल जाने पर भारत द्वारा अपनी टीका कूटनीति में तेजी लाने की उम्मीद है।

चीन की टीका कूटनीति पर टिप्पणी करते हुए अमेरिकी थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ हुआंग यानझोंग ने कहा कहा कि कोविड-19 के प्रसार को अपनी सीमाओं तक नियंत्रित करने में काफी हद तक चीन को मिली सफलता ने टीकाकरण के लिए उसकी जरूरत को हाल के समय तक घटा दिया था।

उन्होंने हांगकांग के साउथ चाइना मॉनिंग पोस्ट से कहा, ‘‘चीन शुरूआत में इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा था। एक तरह से यह सुरक्षा की झूठी भावना थी। वहीं, दूसरी ओर चीन अपने टीकों के उपयोग के मामले में विकासशील और विकसित देश के बीच अंतराल को दूर कर विश्व में अग्रणी देश बन सकता है। ’’

चीनी टीके सीनोफार्म और सीनोवैक का डब्ल्यूएचओ द्वारा आकलन मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।

पोस्ट की खबर में कहा गया है कि प्रभाव क्षमता के मामले में सीनोवैक की 50.4 प्रतिशत और सीनोफार्म की 79 प्रतिशत है, जबकि फाइजर और एस्ट्राजेनेका टीकों की 90 प्रतिशत से अधिक प्रभाव क्षमता है।

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Web Title: China did not listen to reports of India losing to Kovid-19 vaccine diplomacy

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