लाइव न्यूज़ :

ब्रिटेन ने तालिबान से विदेशी नागरिकों की सुरक्षा का आग्रह किया

By भाषा | Updated: August 24, 2021 21:04 IST

Open in App

ब्रिटेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के आपात सत्र में अफगानिस्तान से विदेशी नागरिकों को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से निकाले जाने की अनुमति देने का तालिबान से आग्रह किया। ब्रिटेन के मानवाधिकार, दक्षिण एशिया और राष्ट्रमंडल मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने डिजिटल रूप से सत्र को संबोधित करते हुए तालिबान के देश के सत्ता पर कब्जा जमाने के बीच अफगान लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को जाहिर किया। लॉर्ड अहमद ने कहा, ‘‘हम तालिबान से विदेशी नागरिकों और अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा रखने वालों को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से जाने देने का आग्रह करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान को मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए एक राजनीतिक निर्णय लेने की आवश्यकता है। और उन्हें यह समझना चाहिए कि यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक समन्वित और ठोस प्रयास का भी आह्वान करते हैं।’’ इस विशेष सत्र का उद्देश्य ‘‘अफगानिस्तान में गंभीर मानवाधिकार चिंताओं और स्थिति’’ पर चर्चा करना था। अहमद ने कहा, ‘‘पिछले 20 वर्षों में, ब्रिटेन और हमारे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सहयोगियों ने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए काम किया है, खासकर महिलाओं और लड़कियों के लिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीस साल पहले लगभग कोई भी लड़की स्कूल नहीं जाती थी, और महिलाओं को शासन के पदों से प्रतिबंधित कर दिया गया था। अब 36 लाख अफगान लड़कियां स्कूल जाती हैं, और महिलाओं के पास अफगानिस्तान की संसद में एक चौथाई से अधिक सीटें हैं। मातृ मृत्यु दर लगभग आधी हो गई है, और किसी भी कम आय वाले देश की तुलना में शिशु मृत्यु दर में तेजी से कमी आई है। इन लाभों को खोना नहीं चाहिए। तालिबान को मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान को जवाबदेह ठहराने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है - उनकी कथनी और करनी में मेल होना चाहिए।’’लोगों को निकालने के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों के देश से बाहर निकलने की समय सीमा 31 अगस्त तक बढ़ाने की मांग की जा रही है। हालांकि, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से एक संवाददाता सम्मेलन में तालिबान के प्रवक्ता ने समय सीमा बढ़ाये जाने से इनकार किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, ‘‘31 अगस्त का समय दिया गया है और उसके बाद यदि कुछ ऐसा होता है तो यह समझौते के खिलाफ होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपठानों से निपटना पाक के लिए टेढ़ी खीर?, पाकिस्तान और अफगानिस्तान वार्ता नाकाम

भारतकाबुल वाला क्या लाया, क्या ले गया?, भारत क्या तालिबान के करीब जा रहा है?

विश्वमुत्ताकी से पूछिए कि लड़कियों को स्कूल क्यों नहीं जाने देते?

क्रिकेटAsia Cup Super Four 2025: सुपर-4 में प्रवेश करने वाली पहली टीम भारत, ओमान और हांगकांग का सपना टूटा, 3 सीट और 5 देश, कौन मारेगा बाजी, देखिए प्वाइंट टेबल

विश्वश्रीलंका, बांग्लादेश और अब नेपाल?, हमारे पड़ोसी देशों में यह क्या हो रहा है?

विश्व अधिक खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका