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ब्लिंकन ने चीन के समक्ष ताइवान को लेकर चिंताएं जतायी

By भाषा | Updated: October 31, 2021 21:31 IST

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रोम, 31 अक्टूबर (एपी) अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच अत्यधिक प्रतिस्पर्धी संबंध खुले संघर्षों में न बदलें।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बातचीत को स्पष्ट, रचनात्मक और सार्थक बताते हुए कहा कि ब्लिंकन तकरीबन एक घंटे तक चली बैठक के दौरान अमेरिका की चिंताओं को लेकर स्पष्ट रहे। हालांकि, उन्होंने बातचीत की विस्तृत जानकारी नहीं दी।

अमेरिका के उद्देश्यों में से एक चीन के साथ संवाद बनाए रखना और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन तथा उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के बीच इस साल के अंत में एक डिजिटल बैठक की योजना बनाना था।

ब्लिंकन ने बैठक में कहा कि चीन ने ताइवान के संबंध में तनाव बढ़ा दिया है और अमेरिका ‘‘एक-चीन की अपनी नीति’’ को जारी रखना चाहता है। इस नीति में अमेरिका चीन के दावे को तो मान्यता देता है लेकिन साथ ही ताइवान के साथ अनौपचारिक और रक्षा संबंध भी रखता है।

गौरतलब है कि चीन ने अक्टूबर की शुरुआत में अपने राष्ट्रीय दिवस के सप्ताह में दक्षिण पश्चिम ताइवान में 149 सैन्य विमान भेजे थे। इसकी वजह से ताइवान को भी जवाब में अपने विमानों को भेजना पड़ा था और अपनी वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय करनी पड़ी थी।

बाइडन ने चीन को आगाह करते हुए कहा था कि उसके हमलों की स्थिति में ताइवान की अपनी रक्षा करने में मदद के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता है।

‘सीएनएन टाउन हॉल’ में यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका, ताइवान की रक्षा के लिए आएगा, इस पर बाइडन ने कहा, ‘‘हां, हमारी ऐसा करने की प्रतिबद्धता है।’’

इसके तुरंत बाद अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि ताइवान को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

ब्लिंकन ने सीएनएन से रविवार को कहा कि ताइवान के साथ संबंध अधिनियम के तहत लंबे समय से चली आ रही अमेरिकी नीति में ‘ कोई बदलाव नहीं’ हुआ है, जो ‘‘सुनिश्चित करता है कि ताइवान अपनी रक्षा करे और हम इसके साथ हैं।’’

उन्होंने कहा कि बाइडन की यह प्रतिबद्धता सीनेटर रहने के दौरान से ही रही है।

उल्लेखनीय है कि चीन और ताइवान वर्ष 1949 के गृहयुद्ध में अलग हो गए थे। अमेरिका ने साम्यवादी चीन को मान्यता देने के लिए वर्ष 1979 में ताइवान से औपचारिक संबंध खत्म कर दिए थे।

अमेरिका खुले तौर पर चीन के ताइवान पर दावे का विरोध नहीं करता है। लेकिन वह कानून के तहत प्रतिबद्ध है कि द्वीपीय देश अपनी रक्षा स्वयं कर सके और उसके प्रति सभी खतरों को गंभीर चिंता का विषय मानता है।

ब्लिंकन ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के बाद स्कॉटलैंड में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन हो रहा है और अमेरिका उम्मीद करता है कि चीन दुनिया के भले के लिए एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के तौर पर अपने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती लाए।

दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता के दौरान कारोबार पर विस्तार पर चर्चा नहीं हुई और बातचीत मुख्यत: राजनीतिक विषयों पर केंद्रित रही।

दोनों नेताओं ने व्यापार के मुद्दों पर बात नहीं की और न ही चीन के हाल में परमाणु संपन्न हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण पर चर्चा की गयी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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