अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से पूछताछ की गई, गोपनीय दस्तावेजों से जुड़ा है मामला, जानिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 10, 2023 11:55 IST2023-10-10T11:54:52+5:302023-10-10T11:55:37+5:30
व्हाइट हाउस ने जनवरी में बताया था कि बाइडन के डेलावेयर स्थित आवास और वाशिंगटन के एक कार्यालय से कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए थे। बाइडन ने उपराष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान इस कार्यालय का इस्तेमाल किया था।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से गोपनीय दस्तावेजों से जुड़े मामले की जांच के संबंध में एक विशेष अधिकारी ने पिछले दो दिन में पूछताछ की। व्हाइट हाउस के परामर्श कार्यालय के प्रवक्ता इयान सैम्स ने सोमवार को बताया कि यह पूछताछ रविवार और सोमवार को व्हाइट हाउस में की गयी।
सैम्स ने कहा कि राष्ट्रपति से विशेष काउंसल रॉबर्ट हुर की अगुवाई में जांच के संबंध में पूछताछ की गयी। रविवार और सोमवार को दो दिन तक व्हाइट हाउस में स्वेच्छा से यह पूछताछ की गयी जो सोमवार को खत्म हुई।
व्हाइट हाउस ने जनवरी में बताया था कि बाइडन के डेलावेयर स्थित आवास और वाशिंगटन के एक कार्यालय से कुछ गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए थे। बाइडन ने उपराष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान इस कार्यालय का इस्तेमाल किया था।
सैम्स ने कहा, ‘जैसा कि हमने शुरुआत से कहा है कि राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस इस जांच में सहयोग कर रहे हैं और हमने जांच की गोपनीयता की रक्षा करते हुए पारदर्शी रहकर कुछ प्रासंगिक जानकारियां सार्वजनिक की हैं।’
उन्होंने 80 वर्षीय बाइडन के खिलाफ जांच की और कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। ‘एनबीसी न्यूज’ की खबर के मुताबिक, इस पूछताछ से यह संकेत मिलता है कि विशेष काउंसल की जांच पूरी होने वाली है। बाइडन के कानूनी दल ने एक बयान में कहा था कि जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं उनमें ‘‘निजी और राजनीतिक कागजात’’ शामिल हैं।
बता दें कि बाइडेन से ये पूछताछ ऐसे समय की गई है जब यूएसए कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। हाल ही में हमास के आतंकियों द्वारा इजराइल पर हमले के बाद दुनिया भर में तनाव बढ़ने के आसार हैं। इजराइल ने युद्ध की घोषणा कर दी है और अमेरिका खुल कर उसके साथ है। अमेरिका ने इजराइल को सैन्य सहायता भी भेजी है और किसी भी परिस्थिति में साथ खड़े रहने की बात कही है।
बता दें कि इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने कहा कि हमास द्वारा इजरायली नागरिकों के सबसे भीषण नरसंहार में 2,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 700 से अधिक लोग मारे गए हैं। 7 अक्टूबर (शनिवार) को हमास ने इजराइल पर हमला किया था और देश के दक्षिणी और मध्य हिस्सों में रॉकेटों की बौछार कर दी थी।