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लोकतंत्र के प्रतिमान कायम रखना और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की इजाजत देना सुनिश्चित करें: अमेरिकी कॉकस

By भाषा | Updated: February 8, 2021 16:33 IST

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(ललित के झा)

(कॉपी में सुधार के साथ)

वाशिंगटन, आठ फरवरी अमेरिकी कांग्रेस में प्रभावशाली इंडिया कॉकस ने भारत की सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि लोकतंत्र के प्रतिमान कायम रहें तथा प्रदर्शनकारियों को इंटरनेट की सुविधा एवं शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी जाए। यहां भारतीय राजदूत के साथ बैठक में कॉकस की ओर से यह बात कही गयी।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू विभिन्न मुद्दों पर इंडिया कॉकस के सदस्यों के साथ नियमित संवाद करते रहते हैं। पिछले हफ्ते उनकी कांग्रेशनल इंडिया कॉकस के शीर्ष नेतृत्व के साथ ऑनलाइन बैठक हुई।

इंडिया कॉकस के दो सह-अध्यक्ष हैं कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमन और स्टीव शैबेट। भारवंशी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना कॉकस के उपाध्यक्ष हैं।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘इस चर्चा के दौरान कॉकस के नेतृत्व ने कृषि समेत भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधारों का स्वागत किया।’’

इस बैठक के दौरान इंडिया कॉकस के नेतृत्व ने दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा की निंदा की। बैठक की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने बताया कि कॉकस के नेतृत्व ने कहा कि अन्य बातों के अलावा ‘‘कृषि सुधारों को लेकर सरकार के नजरिए की वह सराहना करते हैं।’’

शेरमन ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने भारत की सरकार से अनुरोध किया है कि लोकतंत्र के प्रतिमान कायम रखा और सुनिश्चित किया जाए और प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दी जाए तथा इंटरनेट और पत्रकारों तक पहुंच सुलभ हो। भारत के सभी मित्र उम्मीद करते हैं को दोनों पक्षों के बीच सहमति बनेगी।’’

संधू बीते एक साल में अमेरिका के 100 से अधिक सांसदों से ऑनलाइन संवाद कर चुके हैं। उन्होंने सांसदों को कृषि कानूनों की आवश्यकता एवं उद्देश्य की जानकारी दी, इस बाबत हुई बातचीत तथा आंदोलन से संवेदनशील तरीके से निबटने के बारे में बताया है।

इस बैठक के बाद संधू ने ट्वीट किया, ‘‘117वीं कांग्रेस के लिए भारत एवं भारतीय अमेरिका संबंधी सदन के कॉकस के नेतृत्व के साथ विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए हम उनके साथ मिलकर करीब से काम करने के लिए उत्सुक हैं।’’

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 70 से अधिक दिन से डटे हुए हैं। सरकार और किसान संघों के बीच अनेक दौर की वार्ता विफल हो चुकी है तथा गतिरोध बना हुआ है।

लाल किले पर 26 जनवरी को हुई हिंसा एवं तोड़फोड़ की घटनाओं के सिलसिले में पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘‘एनसीआर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच के सिलिसले में कुछ अस्थायी कदम उठाये गये थे, जो और अधिक हिंसा को रोकने के उद्देश्य से थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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