(अनीसुर रहमान)
ढाका, 15 दिसंबर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बुधवार को ढाका पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अपने समकक्ष के साथ बातचीत करेंगे और 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेंगे।
कोविंद के आगमन पर 21 तोपों की सलामी दी गई। कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति कोविंद सहित एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ एयर इंडिया वन की विशेष उड़ान से ढाका पहुंचे। बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. अब्दुल हामिद ने अपनी पत्नी के साथ ढाका के हजरत शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोविंद की अगवानी की।
कोविंद की अगवानी के लिए कई वरिष्ठ मंत्री असैन्य और सैन्य अधिकारियों के साथ हवाई अड्डे पर मौजूद थे। बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों ने उन्हें हवाई अड्डे पर स्वागत समारोह के तहत सलामी गारद दी, जहां से राष्ट्रपति कोविंद एक काफिले में राजधानी के बाहरी इलाके सावर में राष्ट्रीय स्मारक तक गए। राष्ट्रपति कोविंद समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित एकमात्र विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने राष्ट्रपति कोविंद की बांग्लादेश यात्रा को ‘‘शानदार शुरुआत’’ करार दिया। बागची ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘एक शानदार शुरुआत। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद और उनकी पत्नी रशिदा हामिद ने राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद का ढाक पहुंचने पर विशेष स्वागत किया। उनके स्वागत में 21 तोपों की सलामी दी गई और सलामी गारद पेश किया गया।’’
कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद से राष्ट्रपति कोविंद की यह पहली विदेश यात्रा है। वह यहां बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। घनिष्ठ संबंधों को प्रदर्शित करते हुए भारत 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ की याद में कई कार्यक्रमों का आयोजन भी कर रहा है। इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति कोविंद ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के वीरों को राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मुक्ति संग्राम के आदर्शों को साकार करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों की भावना हमारे विचारों और कार्यों का मार्गदर्शन करती रहे।’’
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने स्मारक उद्यान में ‘अशोक’ का पौधा भी लगाया और आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि वह बांग्लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होकर बहुत खुश हैं।’’
कोविंद ने राजधानी के धानमंडी इलाके में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान स्मारक संग्रहालय का दौरा किया और बांग्लादेश के संस्थापक पिता शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि दी।
बागची ने ट्वीट किया, ‘‘“राष्ट्रपति कोविंद ने बंगबंधु मैमोरियल संग्रहालय में शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की।’’
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमिन ने मंगलवार को यहां डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति कोविंद की यात्रा को ‘‘औपचारिक’’ बताया, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि उनके दौरे के तहत द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है।
मोमिन ने कहा था, ‘‘राष्ट्रपति कोविंद 15-17 दिसंबर को बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर बांग्लादेश की यात्रा करेंगे, जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच अच्छे संबंधों का एक विशिष्ट संकेत है।’’
प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री भारतीय राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट करेंगे।
यात्रा के दूसरे दिन, राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के विजय दिवस की स्वर्ण जयंती के अवसर पर 16 दिसंबर को राष्ट्रीय परेड ग्राउंड में ‘‘गेस्ट ऑफ ऑनर’’ के रूप में शामिल होंगे। दोपहर में, कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपिता को सम्मान देने और जीत की खुशी का जश्न मनाने के लिए जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा में ‘‘ग्रेट विक्ट्री हीरोज’’ नामक एक समारोह में भाग लेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि यात्रा के तीसरे दिन, कोविंद के राजधानी के मध्य भाग में रमना स्थित काली मंदिर के नए पुनर्निर्मित खंड का उद्घाटन और निरीक्षण करने की उम्मीद है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वह उसी दिन 17 दिसंबर की दोपहर ढाका से रवाना होंगे।
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