बांग्लादेश ने कथित जबरन लापता होने के अध्ययन का खंडन किया

By भाषा | Published: August 19, 2021 04:11 PM2021-08-19T16:11:30+5:302021-08-19T16:11:30+5:30

Bangladesh denies study of alleged forced disappearance | बांग्लादेश ने कथित जबरन लापता होने के अध्ययन का खंडन किया

बांग्लादेश ने कथित जबरन लापता होने के अध्ययन का खंडन किया

ढाका, 19 अगस्त (एपी) बांग्लादेश ने ह्यूमन राइट्स वाच के एक अध्ययन का खंडन किया कि सरकार के आलोचक एवं अन्य लोग लापता हो रहे हैं और इसमें सुरक्षा बल संलिप्त है। मानवाधिकार समूह ने सोमवार को विज्ञप्ति जारी कर 86 लोगों के बारे में जानकारी दी जो सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के बाद से लापता हैं। सरकार लंबे समय से जबरन लापता के मामलों से इंकार करती रही है। समूह ने संयुक्त राष्ट्र से मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। वॉशिंगटन में बांग्लादेश के दूतावास की उप प्रमुख फिरदौसी शहरयार ने कहा कि यह अध्ययन ‘‘ऐसे स्रोतों पर आधारित हैं जो संदेह के दायरे में हैं और उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट ‘‘अज्ञात लोगों’’ के साथ साक्षात्कार पर आधारित है जिसमें 60 साक्षात्कार में अज्ञात लोग हैं, 81 उद्धरण अज्ञात लोगों के दिए गए हैं और सात अज्ञात गवाह हैं। ह्यूमन राइट्स वाच ने लापता होने के लिए रैपिड एक्शन बटालियन पर आरोप लगाए हैं। यह अपराध निरोधक बल है जिसे प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार इस्लामी आतंकवाद को कुचलने का श्रेय देती है। रैपिड एक्शन बटालियन के एक प्रवक्ता को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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Web Title: Bangladesh denies study of alleged forced disappearance

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