लंदन के 10 डाउन स्ट्रीट में ब्रिटिश प्रधानमंत्री आवास के सामने शुक्रवार को बलूचिस्तान के नागरिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यहां उन्होंने पकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हजारों बलोच राजनीति कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए आवाज उठाई। बता दे कि कई सालों से बलूचिस्तान के नागरिक पाकिस्तान से आजाद किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल, पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलूच के हजारों राजनीति कार्यकर्ताओं को पाक सेना ने बंदी बना लिया गया है। वहां से भागकर में अमेरिका पहुंचने वाले लोग आए दिन बलूचिस्तानी नागरिक पाकिस्तानी जेलों में कैद हजारों राजनीति कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पिछले महीने अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के यहां एक सभागार में भाषण के दौरान युवा बलूचों के एक समूह ने पाकिस्तान के खिलाफ और आजाद बलूचिस्तान के पक्ष में नारेबाजी की थी।
खान, पाकिस्तानी मूल के अमेरिकियों की विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे जब बलूच युवा अचानक से अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा बलूचों पर किए जा रहे कथित अत्याचार, उनकी अकारण गुमशुदगी और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ अमेरिका में रह रहे बलूच लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
अमेरिका ने बीएलए को आतंकी समूह किया घोषित
अमेरिका ने पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ लड़ रहे अलगाववादी संगठन ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए) को आतंकवादी समूह घोषित किया है। संसाधन संपन्न बलूचिस्तान प्रांत में लड़ रहे इस अलगाववादी संगठन ने अमेरिका के इस कदम को ‘‘अनुचित’’ करार दिया है। पाकिस्तान ने 2006 में इस संगठन पर पाबंदी लगाई थी और अमेरिका से भी ऐसा करने का अनुरोध किया था।