लाइव न्यूज़ :

आंग सान सू ची ने किया म्यांमार का बचाव, कहा- रोहिंग्या मामले में ‘नरसंहार की कोई मंशा’ नहीं थी :

By भाषा | Updated: December 11, 2019 18:08 IST

मुस्लिम बहुल देश गांबिया का आरोप है कि म्यामां ने नरसंहार रोकने में 1948 के समझौते का उल्लंघन किया। सू ची ने हालांकि कहा कि म्यांमा खुद ही मामलों की जांच कर रहा है।

Open in App
ठळक मुद्देअफ्रीकी देश गांबिया ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ सैन्य अभियान का मुद्दा उठाया है गांबिया का आरोप है कि म्यांमार ने नरसंहार रोकने में 1948 के समझौते का उल्लंघन किया

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित म्यांमार की असैन्य नेता आंग सांग सू ची ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ अपने देश के सैन्य अभियान का बचाव करते हुए कहा कि इसके पीछे ‘‘नरसंहार की कोई मंशा’’ नहीं थी। हेग में जजों को संबोधित करते हुए सू ची ने माना कि सेना ने अत्यधिक बल प्रयोग किया, लेकिन इससे साबित नहीं होता है कि अल्पसंख्यक समूहों का सफाया करने की मंशा थी।

अफ्रीकी देश गांबिया ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ 2017 में चलाए गए सैन्य अभियान का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय अदालत में उठाया है। सेना के अभियान में हजारों लोग मारे गए और सात लाख 40 हजार रोहिंग्या लोगों ने पड़ोस के बांग्लादेश में पनाह ली। लंबे समय तक म्यामां के जुंटा को चुनौती दे चुकी सू ची इस बार अपने देश का पक्ष रख रही हैं।

बर्मा का पारंपरिक पोशाक पहने और बालों में फूल लगाए सू ची ने अदालत से कहा, ‘‘अफसोसजनक है कि गांबिया ने रखाइन प्रांत में हालात के बारे में अदालत के सामने भ्रामक और बनावटी तस्वीरें पेश की हैं।’’ उन्होंने दलील दी कि 2017 में सैकड़ों रोहिंग्या आतंकवादियों के हमले के बाद सेना ने कार्रवाई की थी । उन्होंने कहा, ‘‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का अनादर करते हुए कुछ मामलों में रक्षा सेवाओं के सदस्यों ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया या वे हमलावरों और नागरिकों के बीच भेद नहीं कर पाए।’’

सू ची ने कहा कि म्यांमार खुद ही मामलों की जांच कर रहा है। उन्होंने जोर दिया कि ‘‘निश्चित रूप से इन परिस्थितियों में नरसंहार की मंशा एकमात्र अवधारणा नहीं हो’’ सकती है। मुस्लिम बहुल गांबिया का आरोप है कि म्यांमार ने नरसंहार रोकने में 1948 के समझौते का उल्लंघन किया। संयुक्त राष्ट्र के जांच अधिकारियों ने पिछले साल रोहिंग्या के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को नरसंहार बताया था। अदालत परिसर के सामने म्यांमार और सू ची के समर्थक भी जुटे।

उधर, रोहिंग्या समर्थकों ने भी वहां इकट्ठा होकर ‘आंग सान सू ची, आप पर शर्म आती है’’ जैसे नारे लगाए। सुनवाई की शुरूआत में गांबिया के न्याय मंत्री अबूबकर तमबादोउ ने अदालत से कहा कि यह बेहद निराशाजनक होगा, अगर सू ची म्यामां की ज्यादती को लेकर फिर से इनकार करती हैं। उन्होंने अदालत से नरसंहार पर रोक लगाने को कहा।

टॅग्स :म्यांमार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतथाईलैंड से भारत लाए गए 125 भारतीय, म्यांमा के ठगी केंद्रों में थे बंद

विश्वEarthquake in China: चीन में भूकंप से हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 4.5 तीव्रता; दहशत में लोग

विश्वMyanmar: तबाही से उभर रहे म्यांमार में फिर भूकंप की हिली धरती, दहशत में लोग

कारोबारक्या है पारगमन सुविधा?, भारत ने बांग्लादेश को दिया झटका और किया समाप्त

ज़रा हटकेVIDEO: भूकंप के 100 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाला गया शख्स, पेशाब पीकर जिंदा रहा!, देखें वीडियो

विश्व अधिक खबरें

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?