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कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद रोकने के लिए इंटनरेट और मोबाइल सेवाएं निलंबित हैंः श्रृंगला

By भाषा | Updated: September 4, 2019 13:23 IST

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटाए जाने के बाद से वहां के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई, इंटनरेट एवं मोबाइल सेवाएं निलंबित हैं और सार्वजनिक बैठकों पर भी रोक है।

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ठळक मुद्देकश्मीर में शांति प्रयासों को सीमा पार से बाधित होने से रोकने के लिए उठाए गए एहतियाती कदम : श्रृंगला।अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाना एक आंतरिक मामला था और पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए। 

अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने कश्मीर में एहतियाती तौर पर कदम उठाए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घाटी में शांति बनाए रखने के सरकार के प्रयासों को सीमा पार से ‘‘निहित स्वार्थ’’ के चलते बाधित ना किया जा सके।

श्रृंगला ने मंगलवार को एक ‘पॉडकास्ट’ में यह टिप्पणी की और जम्मू-कश्मीर में स्थिति बदलने, सीमा पार से आतंकवाद तथा कट्टरपंथीकरण, नौकरियों, समावेशी विकास और शांति की उम्मीद पर बात की। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को हटाए जाने के बाद से वहां के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई, इंटनरेट एवं मोबाइल सेवाएं निलंबित हैं और सार्वजनिक बैठकों पर भी रोक है।

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने कहा था कि इंटरनेट और फोन सेवाएं इसलिए निलंबित की गई हैं क्योंकि इनका ज्यादातर इस्तेमाल आतंकवादियों और पाकिस्तान द्वारा लोगों को एकत्र करने और युवाओं को बहकाने के लिए किया जाता है।

श्रृंगला ने कहा कि इस ‘पॉडकास्ट’ का मकसद मामले से जुड़े तथ्य लोगों के सामने लाना है। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले कुछ हफ्तों में हमने अटकलों का एक बड़ा दौर देखा है, कुछ अर्धसत्य, असत्य, तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी जो मीडिया में मुख्य रूप से अमेरिका में प्रसारित की गई है।’’

श्रृंगला ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती तौर पर उठाए गए कदमों को लेकर भी कई अटकलें हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने कश्मीर में एहतियाती तौर पर कदम उठाए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घाटी में शांति बनाए रखने के सरकार के प्रयासों को सीमा पार से ‘‘निहित स्वार्थ’’ के चलते बाधित ना किया जा सके।

भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंध कमतर करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। वहीं भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाना एक आंतरिक मामला था और पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए। 

टॅग्स :अमेरिकाआर्टिकल 35A (अनुच्छेद 35A)धारा ३७०जम्मू कश्मीरपाकिस्तान
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