पाकिस्तान के इमरान खान सरकार में विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारतीय सेना में तैनात पंजाबी जवानों को भड़काने वाला विवादित ट्वीट किया है। ये ट्वीट भारत प्रशासित कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के संबंध में किया गया है।
चौधरी फवाद हुसैन ने ट्विटर पर लिखा, "मैं भारतीय सेना के सारे पंजाबी जवानों से अपील करता हूं कि वो अन्याय/ज़ुल्म का हिस्सा बनने से इनकार कर दें और कश्मीर में ड्यूटी ना करें।" उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर ये बात पंजाबी भाषा में लिखी।
गुरुमुखी लिपि में लिखे गए इस ट्वीट का अंग्रेज़ी में भी अनुवाद किया गया है। इसके बाद चौधरी फवाद हुसैन ने हिंदी में एक ट्वीट किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 14 अगस्त को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की विधानसभा को संबोधित करेंगे।
‘मुगालते’ में न रहें, कश्मीर पर यूएनएससी, मुस्लिम जगत का समर्थन पाना आसान नहीं है: कुरैशी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने देशवासियों को ‘मुगालते’ में नहीं रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने संबंधी भारत के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और मुस्लिम जगत का समर्थन हासिल करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा।
कुरैशी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में मीडिया से कहा कि पाकिस्तानियों को यूएनएसी सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए ‘‘नया संघर्ष’’ शुरू करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आपको (लोगों को) मुगालते में नहीं रहना चाहिए।
कोई भी वहां (यूएनएससी में) हाथों में माला लिए खड़ा नहीं होगा ... कोई भी वहां आपका इंतजार नहीं करेगा।’’ जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किये जाने संबंधी भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि वह नई दिल्ली के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जायेगा।
भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह बताता आ रहा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने का कदम उसका आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को इस ‘‘सच्चाई को स्वीकार’’ करने की सलाह दी।
किसी मुस्लिम देश का नाम लिये बगैर कुरैशी ने कहा, ‘‘उम्मा (इस्लामी समुदाय) के संरक्षक भी अपने आर्थिक हितों के कारण कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के विभिन्न लोगों के अपने-अपने हित हैं। भारत एक अरब से (अधिक) लोगों का बाजार है ... बहुत से लोगों ने (भारत) निवेश किया है।
हम अक्सर उम्मा और इस्लाम के बारे में बात करते हैं, लेकिन उम्मा के संरक्षकों ने भी वहां (भारत) निवेश किया हुआ है और उनके अपने हित हैं।’’ रूस ने हाल में जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया था और वह ऐसा करने वाला यूएनएससी का पहला सदस्य बना था। उसने कहा था कि दर्जा में परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के भीतर है।