थलसेना प्रमुख नरवणे ने नेपाली समकक्ष से मुलाकात की, दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने पर हुयी चर्चा

By भाषा | Published: November 5, 2020 04:42 PM2020-11-05T16:42:46+5:302020-11-05T16:42:46+5:30

Army Chief Narwane meets Nepali counterpart, discusses increasing cooperation between the two armies | थलसेना प्रमुख नरवणे ने नेपाली समकक्ष से मुलाकात की, दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने पर हुयी चर्चा

थलसेना प्रमुख नरवणे ने नेपाली समकक्ष से मुलाकात की, दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने पर हुयी चर्चा

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, पांच नवंबर भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्ण चंद्र थापा से मुलाकात की और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग और मित्रता के मौजूदा संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उपायों पर चर्चा की।

जनरल थापा के निमंत्रण पर जनरल नरवणे तीन दिवसीय यात्रा पर अभी काठमांडू में हैं।

उनकी यात्रा काफी हद तक दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के मकसद से है। दोनों देशों के संबंध सीमा विवाद को लेकर तनावपूर्ण हो गए हैं।

उन्होंने थापा से यहां उनके कार्यालय में मुलाकात की।

नेपाल थलसेना मुख्यालय द्वारा एक बयान के अनुसार, "उन्होंने द्विपक्षीय हितों के मुद्दों के अलावा दोनों सेनाओं के बीच मित्रता और सहयोग के मौजूदा बंधन को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की।"

बयान में कहा गया है कि उन्हें नेपाली सेना के इतिहास और वर्तमान भूमिकाओं के बारे में भी अवगत कराया गया।

बुधवार को काठमांडू पहुंचे नरवणे बृहस्पतिवार को सेना मुख्यालय में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए।

बृहस्पतिवार सुबह ‘आर्मी पैविलियन’ में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्हें सेना मुख्यालय में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया ।

उन्होंने पहले के वरिष्ठ सैन्य आगंतुकों की परंपरा के अनुसार सेना मुख्यालय में एक पेड़ भी लगाया।

उन्होंने नेपाली सेना के दो ‘फील्ड’ अस्पतालों के लिए वेंटिलेटर, एम्बुलेंस और चिकित्सा उपकरण भी सौंपे।

थापा ने नेपाल में बने 1,00,000 मेडिकल मास्क और शांति के प्रतीक के रूप में भगवान बुद्ध की एक मूर्ति नरवणे को भेंट की।

राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी बृहस्पतिवार को ही नरवणे को नेपाली सेना के जनरल रैंक की मानद उपाधि प्रदान करेंगी।

वह शुक्रवार को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मिलेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में धारचूला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी अहम सड़क का उद्घाटन किया था। उसके बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव में आ गया।

नेपाल ने सड़क के उद्घाटन का विरोध करते हुए दावा किया कि यह उसके भूक्षेत्र से होकर गुजरता है। इसके बाद नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने हिस्से के रूप में दिखाया।

नेपाल द्वारा नक्शा जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह "एकतरफा कृत्य" है। भारत ने नेपाल को आगाह करते हुए कहा था कि क्षेत्रीय दावों की "कृत्रिम वृद्धि" उसे स्वीकार्य नहीं होगी।

Web Title: Army Chief Narwane meets Nepali counterpart, discusses increasing cooperation between the two armies

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