मॉस्को: एक तरफ जहां हमला करने के बाद रूस की सेनाएं यूक्रेन की राजधानी कीव के पास पहुंच रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ रूस के अंदर आम लोगों में सरकार के दबाव के बावजूद युद्ध विरोधी आंदोलन तेज होता जा रहा है। पिछले तीन दिनों में युद्ध विरोधी आंदोलनों में हिस्सा लेने के कारण 3000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
गुरुवार और शुक्रवार को बड़ी संख्या में गिरफ्तारियों के बावजूद राजधानी मॉस्को, दूसरे सबसे बड़े शहर सेंट पीटर्सबर्ग और अन्य शहरों में शनिवार को लगातार तीसरे दिन सड़कों पर विरोध प्रदर्शन एक बार फिर से शुरू हो गया।
राजनीतिक गिरफ्तारियों पर नज़र रखने वाले अधिकार समूह ओवीडी-इन्फो के अनुसार, पिछले तीन दिनों में पूरे रूस से युद्ध विरोधी प्रदर्शनों के लिए कम से कम 3,093 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 24 फरवरी को कम से कम 1,967, 25 फरवरी को 634 और 26 फरवरी को 492 लोगों को हिरासत में लिया।
बीते शनिवार को 34 शहरों में कम से कम 460 लोगों को शनिवार को युद्ध-विरोधी विरोध प्रदर्शनों में हिरासत में लिया गया था, जिसमें 200 से अधिक लोग मॉस्को में हिरासत में लिए गए।
यही नहीं, रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा करने वाले खुले खतों की भी बाढ़ आ गई है। शनिवार को 6000 से अधिक चिकित्साकर्मियों, 3400 से अधिक आर्किटेक्ट और इंजीनियरों और 500 से अधिक शिक्षकों ने ऐसे खुले खत लिखे। गुरुवार से ही पत्रकार, निगमकर्मी, सांस्कृतिक कलाकार और अन्य पेशेवर भी ऐसे खत लिख रहे हैं।
यूक्रेन पर हमले को रोकने के लिए एक ऑनलाइन याचिका गुरुवार की सुबह शुरू हुई और उस पर शनिवार शाम तक 7,80,000 से अधिक हस्ताक्षर हो गए। हाल के वर्षों में यह रूस में सबसे अधिक समर्थित ऑनलाइन याचिकाओं में से एक बन गया।
आमतौर पर रूसी सरकार की लाइन का पालन करने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के दो सांसदों ने सोशल मीडिया पर हमले के खिलाफ बात की।
हालांकि, इस बीच रूसी अधिकारियों ने देश और विदेश दोनों में आक्रमण की निंदा करने वालों के प्रति कठोर रुख अपनाया है।