कोरोना वायरस के खतरे के बीच चीन में सरकार के खिलाफ विरोधी भावनाएं भी बढ़ रहीं

By भाषा | Updated: February 2, 2020 15:12 IST2020-02-02T15:12:09+5:302020-02-02T15:12:09+5:30

इंडोनेशिया के एक होटल तक स्थानीय लोग मार्च करते हुए गए और चीनी अतिथियों को वहां से चले जाने के लिए कहा। फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के कई समाचारपत्रों की आलोचना उनकी नस्लवादी टिप्पणियों के लिए हो रही है। चीन और एशिया के अन्य हिस्सों के लोग यूरोप और अमेरिका में नस्लवाद का सामना करने की शिकायत कर रहे हैं।

Anti-Corruption feelings against the government are also increasing in China amid the threat of Corona virus | कोरोना वायरस के खतरे के बीच चीन में सरकार के खिलाफ विरोधी भावनाएं भी बढ़ रहीं

चीन में लगातार फैल रहा है कोरोना वायरस

Highlightsचीन के बाहर अब तक दो दर्जन देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं।इससे अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बीमार पड़ गए हैं।

चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच पूरी दुनिया में चीन विरोधी भावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। कई देशों ने चीन के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और कई रेस्तराओं से चीनी नागरिकों को अपमानित होकर लौटना पड़ रहा है। दक्षिण कोरिया, जापान, हांगकांग और वियतनाम में कई रेस्तराओं ने चीनी ग्राहकों को सेवा देने से इनकार कर दिया है।

वहीं, इंडोनेशिया के एक होटल तक स्थानीय लोग मार्च करते हुए गए और चीनी अतिथियों को वहां से चले जाने के लिए कहा। फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के कई समाचारपत्रों की आलोचना उनकी नस्लवादी टिप्पणियों के लिए हो रही है। चीन और एशिया के अन्य हिस्सों के लोग यूरोप और अमेरिका में नस्लवाद का सामना करने की शिकायत कर रहे हैं। चीन के बाहर अब तक दो दर्जन देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इससे अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बीमार पड़ गए हैं। कई देशों ने वुहान से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान भेजे हैं। कई देशों के साथ चीन के कूटनीतिक, राजनीतिक और कारोबारी संबंध अच्छे नहीं होने के बीच इस वायरस के प्रसार ने चीन विरोधी भावनाओं को भड़काने में योगदान दिया है।

दक्षिण कोरियाई वेबसाइटों पर ऐसी अनेक टिप्पणियां आ रही हैं जिन पर चीन के लोगों को बाहर निकालने या उन पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है। सियोल में समुद्री खाद्य पदार्थ वाले एक रेस्तरां ने अपने यहां बोर्ड लगा दिया, ‘‘ चीनी नागरिकों को प्रवेश नहीं।’’ लेकिन इस पर ऑनलाइन प्रतिक्रिया के बाद इसे हटा लिया। वहीं, अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में किसी ने चीनी-अमेरिकी नागरिक एरी देंग को लेकर यह अफवाह फैला दी कि उसे कोरोना वायरस का संक्रमण है। वहां वह पांच अन्य छात्रों के साथ बैठी हुई थी और एकमात्र एशियाई थी। इसी दौरान छात्र परेशान होने लगे और अपना सामान लेकर वहां से निकल गए।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने भी एक इंस्टाग्राम पोस्ट इस संबंध में हटाया है। वहीं, हांगकांग में पहले से ही चीन के खिलाफ भावनाएं प्रबल थीं लेकिन इस बीमारी के बाद यह स्थिति और भी बढ़ गई है। पिछले सप्ताह हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लाम ने चीन जाने वाली उच्च स्तरीय ट्रेन सेवाओं को रोक दिया था और उड़ानों की संख्या कम कर दी थी। हांगकांग में जापान के एक रेस्तरां ने चीन के लोगों को भोजन परोसने से इनकार कर दिया है। वहीं, फ्रांस में भी ऐसी स्थिति भी देखने को मिली जब लोगों ने एशियाई दिख रहे व्यक्ति को देखकर अपना रास्ता बदल लिया।

पेरिस में चीनी समुदाय के कानूनी सलाहकार सोक लाम ने कहा, ‘‘ लोगों को यह नहीं मानना चाहिए कि हम एशियाई हैं तो हमारे जरिए वायरस फैलने की संभावना ज्यादा है।’’ वहीं, जर्मनी में एक समाचारपत्र ने एक व्यक्ति की सुरक्षात्मक कवच वाली तस्वीर के साथ ‘मेड इन चाइना’ लिख दिया। 

Web Title: Anti-Corruption feelings against the government are also increasing in China amid the threat of Corona virus

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