1 लाख बंदरों की फौज जाएगी श्रीलंका से चीन, रखे जाएंगे चिड़ियाघर में, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 20, 2023 04:30 PM2023-04-20T16:30:15+5:302023-04-20T16:36:13+5:30

आर्थिक तौर पर दिवालिया हो चुकी श्रीलंका सरकार अब कमाई के लिए 1 लाख टोके मकाक बंदरों को बेचेगा। चीन इन बंदरों को अपने यहां के चिड़ियाघरों के लिए खरीद रहा है।

An army of 1 lakh monkeys will go from Sri Lanka to China, will be kept in the zoo, know the whole matter | 1 लाख बंदरों की फौज जाएगी श्रीलंका से चीन, रखे जाएंगे चिड़ियाघर में, जानिए पूरा मामला

फाइल फोटो

Highlightsचीन श्रीलंका से एक लाख टोके मकाक बंदरों को अपने यहां के चिड़ियाघरों के लिए खरीद रहा हैश्रीलंका सरकार ने खराब आर्थिक हालात के कारण बंदरों को बेचने के फैसले पर मुहर लगा दी हैश्रीलंका सरकार ने बताया कि इन बंदरों के कारण पूरे श्रीलंका में फसलों को भारी क्षति पहुंची थी

कोलंबो: श्रीलंका से एक लाख बंदरों की फौज चीन भेजी जाएगी। पर्यावरण संरक्षकों के भारी विरोध के बावजूद आर्थिक तौर पर दिवालिया हो चुकी श्रीलंका सरकार ने बीते बुधवार को ऐलान किया है कि 1 लाख टोके मकाक बंदरों को चीन अपने यहां के चिड़ियाघरों के लिए खरीद रहा है।

इस संबंध में श्रीलंका के कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी गुनदासा समरसिंघे ने कहा कि चीन की जूलॉजिकल गार्डन से जुड़ी एक निजी स्वामित्व वाली चीनी कंपनी ने मंत्रालय से अनुरोध किया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले बीते हफ्ते श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने कहा कि चीनी चिड़ियाघरों में श्रीलंका के 1 लाख बंदरों की प्रदर्शन के लिए चीनी सरकार द्वारा किये गये मांग पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा था, "चीन श्रीलंका के टोके मकाक बंदरों को अपने चिड़ियाघरों में रखना चाहता है। इसलिए सरकार उनकी मांगों पर विचार मंथन कर रही है।" इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि श्रीलंका में लगभग सभी तरह के जीवित पशुओं के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध है बावजूद उसके सरकार ने अपने सबसे खराब आर्थिक हालात के सामने बंदरों को बेचने के फैसले पर मुहर लगा दी है।

इस फैसले से पूर्व श्रीलंकाई सरकार ने इसी वर्ष संरक्षित पशुओं की सूची से कई प्रजातियों को हटा दिया था, जिसमें बंदरों के साथ-साथ मोर और जंगली सूअर भी शामिल थे। प्रतिबंध हटाये जाने के बाद किसानों को उन्हें मारने का अधिकार मिल गया था। टोके मकाक बंदर श्रीलंका के कई हिस्सों में पाये जाते हैं और ये फसलों को बर्बाद करने और कभी-कभी मनुष्यों पर हमला करने के लिए कुख्यात हैं। श्रीलंकाई अधिकारियों की मानें तो इस समय पूरे देश में इन बंदरों की आबादी कम से कम दो या तीन मिलियन के बीच है।

इस बीच श्रीलंका स्थित चीनी दूतावास ने बंदरों के खरीदे जाने के संबंध में कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि श्रीलंका किसी निजी चीनी कंपनी को लुप्तप्राय हो चुके एक लाख टोके मकाक बंदरों को निर्यात कर रहा है।

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि जंगली जानवरों के निर्यात को संभालने वाले नियामक चाइनीज नेशनल फॉरेस्ट्री एंड ग्रासलैंड एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि श्रीलंका से एक लाख बंदरों के आयात की अनुमति देने के संबंध में कोई अनुरोध उन्हें नहीं मिला है।

चीनी दूतावास ने वन्यजीव संरक्षण कानून और प्रवर्तन के मामले में चीन को दुनिया के शीर्ष देशों में बताते हुए कहा कि चीन 1988 में कई संशोधनों के साथ वन्यजीव संरक्षण कानून का पालन करता आ रहा है और वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापारअंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के अनुबंध पर आधारित है। दूतावास की ओर से कहा गया है, "चीनी सरकार हमेशा वन्यजीव संरक्षण को बहुत महत्व देता है।"

वहीं कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी गुनदासा समरसिंघे ने कहा, “हम एक लॉट में पूरे एक लाख बंदरों के चीन नहीं भेजेंगे। चूंकि इन बंदरों के कारण पूरे श्रीलंका में फसलों को भारी क्षति पहुंची है। इस कारण सरकार ने चीन की ओर से मिले इस अनुरोध पर विचार किया। हमारा फोकस इस वक्त केवल खेती के क्षेत्रों में आ रही परेशानियों को दूर करने का है।"

मालूम हो कि श्रीलंका में पाये जाने वाला टोके मकाक बंदर श्रीलंका की स्थानीय प्रजाति है और प्रकृति के संरक्षण के लिए बनाई गई अंतर्राष्ट्रीय संघ की सूची में लुप्तप्राय और संरक्षित जीव के रूप में वर्गीकृत है।

Web Title: An army of 1 lakh monkeys will go from Sri Lanka to China, will be kept in the zoo, know the whole matter

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