महाभियोग का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप सीनेट में सुनवाई के लिए उतावले क्यों हैं? जानिए क्या है समीकरण
By आदित्य द्विवेदी | Updated: December 20, 2019 08:13 IST2019-12-20T08:13:16+5:302019-12-20T08:13:16+5:30
महाभियोग की प्रक्रिया सीनेट में पहुंच गई है जहां उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में यह मामला चलेगा। अमेरिका के 243 साल के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद पद से हटाया नहीं गया।

महाभियोग का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप सीनेट में सुनवाई के लिए उतावले क्यों हैं? जानिए क्या है समीकरण
महाभियोग का सामना करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पद पर बने रहेंगे या नहीं इसका फैसला सीनेट की सुनवाई में होगा। हालांकि ट्रंप इसके लिए पूरी तरह आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने विपक्षी डेमोक्रेट्स को चुनौती दी है कि बिना किसी देरी के वो महाभियोग का आर्टिकल आगे की प्रक्रिया के लिए भेज दें।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि स्पीकर नैन्सी पेलोसी महाभियोग के प्रस्ताव को सीनेट में भेजने में घबरा रही हैं क्योंकि इसका उनके हवाई दावे का खुलासा हो जाएगा। स्पीकर पेलोसी ने औपचारिक रूप से महाभियोग के आर्टिकल को सदन की मंजूरी के लिए बुधवार शाम को रखा। इस पर जनवरी में चर्चा होगी जब सांसद छुट्टियों से वापस लौटेंगे।
सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के कम से कम 20 सदस्य ट्रंप के खिलाफ मतदान करेंगे तब जाकर उन्हें पद से हटाया जा सकता है। सीनेट में रिपलब्लिक पार्टी बहुमत में है ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाभियोग के गिरने की संभावना है और ट्रंप को पद से हटाने का डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रयास निष्फल रहेगा।
महाभियोग का सामना करने वाले अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति होंगे ट्रंप
अमेरिका के इतिहास में महाभियोग का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप तीसरे राष्ट्रपति होंगे। प्रतिनिधि सभा ने उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने और कांग्रेस की जांच में अवरोध डालने का आरोप औपचारिक रूप से लगा दिया है। अब सीनेट में अगले वर्ष सुनवाई होगी कि वह पद पर बने रहेंगे या नहीं।
सदन ने बुधवार रात राष्ट्रपति ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग और कांग्रेस में अवरोध डालने के दो अभियोग लगाए। सत्ता के दुरुपयोग के आरोप के पक्ष में 230 मत और विपक्ष में 197 मत पड़े। कांग्रेस में अवरोध पैदा करने के दूसरे आरोप में 229 के मुकाबले 198 मत पड़े। वहीं व्हाइट हाउस ने महाभियोग को अमेरिका के इतिहास के बेहद शर्मनाक राजनीतिक घटनाक्रमों में से एक बताया।
अब प्रक्रिया के लिए सीनेट पहुंचा मामला
प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी चार भारतीय अमेरिकी सदस्यों ने ट्रंप पर महाभियोग चलाने के पक्ष में मतदान किया। अब यह प्रक्रिया सीनेट में पहुंच गई है जहां उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में यह मामला चलेगा। अमेरिका के 243 साल के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद पद से हटाया नहीं गया। इसके लिए 100 सदस्यीय सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।
इसका मतलब होगा कि रिपब्लिक पार्टी के कम से कम 20 सदस्य ट्रंप के खिलाफ मतदान करेंगे तब जाकर उन्हें पद से हटाया जा सकता है। सीनेट में रिपलब्लिक पार्टी बहुमत में है ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाभियोग के गिरने की संभावना है और ट्रंप को पद से हटाने का डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रयास निष्फल रहेगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर