अमेरिका: रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन में माइक पोम्पिओ के भाषण को लेकर आलोचकों में नाराजगी, जानिए क्या है वजह
By भाषा | Updated: August 25, 2020 12:09 IST2020-08-25T12:09:05+5:302020-08-25T12:09:05+5:30
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन भाषण को लेकर आलोचकों में नाराजगी जताई है। अब वह रिपल्बिकन राष्ट्रीय सम्मेलन (आरएनसी) में अपने भाषण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा चुने जाने का समर्थन करते दिखेंगे।

रिपब्लिकन राष्ट्रीय सम्मेलन में पोम्पिओ के भाषण को लेकर आलोचकों में नाराजगी
वाशिंगटन: विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले महीने सभी अमेरिकी कूटनीतिक मिशनों को तार भेजकर अमेरिकी राजनयिकों को आगाह किया था कि संघीय कानून के तहत उन्हें राष्ट्रपति चुनाव अभियान में किसी का भी प्रत्यक्ष रूप से पक्ष नहीं लेना चाहिए। लेकिन मंगलवार को, वह अपनी इसी चेतावनी को नजरअंदाज करते नजर आ सकते हैं जब वह रिपल्बिकन राष्ट्रीय सम्मेलन (आरएनसी) में अपने भाषण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दोबारा चुने जाने का समर्थन करते दिखेंगे।
विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हैच कानून के तहत राजनीतिक गतिविधियों पर लगे प्रतिबंधों की याद दिलाने संबंधी पोम्पिओ का संदेश असामान्य नहीं है। इसी तरह, हर बार के राष्ट्रपति चुनाव वर्ष में विदेश मंत्री ऐसे ही तार भेजते हैं। हालांकि, उनके किसी पूर्ववर्ती ने इन निर्देशों का इस तरह से उल्लंघन नहीं किया है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से आश्वसान देने कि पोम्पिओ सम्मेलन में अपने निजी ओहदे से बोलेंगे और हैच कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे, इसके बावजूद डेमोक्रेट और अन्य आलोचकों ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया।
उन्होंने देश के शीर्ष राजनयिक पर अनुचित राजनीतिक व्यवहार का आरोप लगाया है जो इससे पूर्व के किसी राजनयिक में नहीं देखने को मिला है और जिसमें विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को दिए गए अपने ही परामर्श को धता बताया गया है।
पोम्पिओ ने 24 जुलाई के तार में कहा था, “मंत्रालय गैर-पक्षपाती तरीके से सभी अमेरिकियों की ओर से विदेश में राष्ट्रीय हितों को आगे ले जाने के लिए काम करता है।” इसमें कहा गया, ‘‘यह याद रखना आवश्यक है कि इस संबंध में किसी भी तरह के भ्रम या गलत धारणा से बचने के लिए, मंत्रालय की दीर्घकालिक नीति रही है कि अमेरिकी नागरिक कर्मचारी और परिवार के सदस्य विदेशों में तैनाती के दौरान किसी दलीय राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।”