90 फाइटर जेट के साथ अंडमान के पास पहुंचा अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर, चीन को घेरने की तैयारी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 20, 2020 11:36 IST2020-07-20T11:32:13+5:302020-07-20T11:36:10+5:30
कोरोना वायरस और व्यापार युद्ध को लेकर अमेरिका और चीन में कई महीनों से तनाव जारी है.

यूएसएस निमित्ज अभी अंडमान-निकोबार के पास से गुजर रहा है.
चीन के साथ लगातार बढ़ते जा रहे तनाव के बीच अमेरिका ने अब अपनी ताकत दिखाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है. अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक अपनी गश्त बढ़ा दी है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास खत्म करने के बाद अमेरिकी नौसेना का महत्वूपर्ण एयरक्राफ्ट कैरियर 'यूएसएस निमित्ज' अब अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पास पहुंच गया है. भारत भी अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पास युद्धाभ्यास कर रहा है. यूएसएस निमित्ज को बहुत ताकतवर माना जाता है.
परमाणु शक्ति से चलने वाले 332 मीटर लंबे इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टरों के अलावा लगभग 3000 नौसैनिक तैनात रहते हैं. इस एयरक्राफ्ट कैरियर को 3 मई, 1975 को अमेरिकी नौसेना में शामिल किया गया था.
दो अन्य एयरक्राफ्ट कैरियर्स भी तैनात
अमेरिका ने चीन पर दबाव डालने की रणनीति के तहत हिंद महासागर में कुल तीन एयरक्राफ्ट कैरियर्स को तैनात किया है. यूएसएस निमित्ज के अलावा यूएसएस रोनाल्ड रीगन फिलहाल दक्षिण चीन सागर में, जबकि यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट फिलीपीन सागर के आसपास गश्त लगा रहा है.
घिरता जा रहा चीन
अमेरिका की आक्रामक गतिविधियों से बौखलाया चीन बार-बार युद्ध की धमकी दे रहा है, लेकिन उसे भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हिंद महासागर में घेरने की तैयारी में जुटे हैं. *चीन के व्यापार का बड़ा हिस्सा हिंद महासागर से ही खाड़ी और अफ्रीकी देशों में जाता है. चीन अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा आयात भी इसी रास्ते से करता है. इस रास्ते के बंद होने पर चीन के समक्ष तेल समेत कई चीजों की किल्लत हो सकती है.