'भारत के साथ खड़ा है अमेरिका', माइक पॉम्पियो ने किया गलवान घाटी का ज़िक्र

By स्वाति सिंह | Updated: October 27, 2020 15:10 IST2020-10-27T15:10:19+5:302020-10-27T15:10:19+5:30

रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा दिया था। दोनों देशों ने 2016 में ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ किया था।

'America stands with India', Mike Pompeo On Galwan Clash | 'भारत के साथ खड़ा है अमेरिका', माइक पॉम्पियो ने किया गलवान घाटी का ज़िक्र

विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ वार्ता की ।

Highlights माइक पॉम्पियो ने कहा कि अमेरिका भारत की ओर से अपनी अखंडता के लिए किए जा रहे कदमों में उसके साथ खड़ा है माइक पॉम्पियो ने पहले भी गलवान झड़प को लेकर चीन पर कई बार हमले किए हैं

नयी दिल्ली: भारत और अमेरिका ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया जिससे अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी। ‘टू प्लस टू’ वार्ता के तीसरे चरण के दौरान ‘बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’(बीईसीए) पर दोनों रणनीतिक भागीदारों के बीच दस्तखत ने द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य संबंधों को आगे और प्रगाढ़ करने का संकेत दिया है । माइक पॉम्पियो ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करने के बाद कहा कि अमेरिका भारत की ओर से अपनी अखंडता के लिए किए जा रहे कदमों में उसके साथ खड़ा है। 

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि 'हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए अपनी जान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए नेशनल वॉर मेमोरियल पर गए। इनमें पीएलए (चीनी सेना) के साथ झड़प में जान गंवाने वाले 20 जवान भी हैं। भारत की अखंडता और स्वतंत्रता की लड़ाई में अमेरिका उसके साथ खड़ा है।'

यह समझौता ऐसे वक्त हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध चल रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ वार्ता की । दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य और रक्षा अधिकारिायें ने इसमें सहयोग दिया। ‘टू प्लस टू’ वार्ता में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच पहले से कायम करीबी संबंधों को आगे और घनिष्ठ करने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी हितों के व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

रणनीतिक संबंधों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण ‘बीईसीए’ पर दस्तखत के साथ दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण करार को अंतिम रूप दे दिया गया । दोनों देशों ने जनरल सिक्युरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए)पर 2002 में दस्तखत किए थे।

रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा दिया था। दोनों देशों ने 2016 में ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ किया था। भारत और अमेरिका ने 2018 में एक और महत्वपूर्ण करार किया था जिसे ‘कोमकासा’ कहा जाता है । बीईसीए के बारे में अधिकारियों ने कहा कि समझौते से भारत की गोपनीय भूस्थैतिक डाटा के साथ ही अन्य सैन्य अनुप्रयोगों के संबंध में सूचनाओं तक पहुंच होगी । 

Web Title: 'America stands with India', Mike Pompeo On Galwan Clash

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