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अमेरिका ने अल-कायदा चीफ अल-जवाहिरी को मार गिराया, काबुल में घर की बालकनी में खड़ा था...तभी हुआ ड्रोन हमला

By विनीत कुमार | Updated: August 2, 2022 07:40 IST

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आतंकी संगठन अल-कायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी के मारे जाने का ऐलान किया है। अल-जवाहिरी को काबुल में एक ड्रोन हमले में मारा गया।

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ठळक मुद्देअमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमले में अल-कायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जवाहिरी के मारे जाने का ऐलान किया, 9/11 हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था जवाहिरी।पिछले साल सेना के निकलने के बाद अमेरिका की ओर से पहली बार अफगानिस्तान में हमला किया गया है।

वॉशिंगटन: जो बाइडन ने सोमवार बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अमेरिका ने काबुल में एक ड्रोन हमले में अल-कायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को मार डाला है। अल-जवाहिरी दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था और 2001 में 11 सितंबर के हमलों के मास्टरमाइंड के तौर पर जाना जाता था।

बाइडन ने सोमवार को टेलीविज़न संबोधन में कहा कि उन्होंने अल- जवाहिरी को मारने के लिए हमले की अंतिम मंजूरी दी थी। सप्ताह के अंत में अफगानिस्तान की राजधानी में अल-जवाहिरी को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। बाइडन ने साथ ही कहा, 'न्याय मिल गया है और यह आतंकवादी नेता अब नहीं है।' 

काबुल में घर की बालकनी में खड़ा था जवाहिरी, तभी हुआ हमला

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जवाहिरी काबुल में एक घर की बालकनी में खड़ा था। इसी दौरान उसे 31 जुलाई को सूरज उगने के करीब एक घंटे बाद दो हेलफायर मिसाइलों से निशाना बनाया गया था। अधिकारी के अनुसार उसे मारने के लिए अफगानिस्तान में कोई अमेरिकी शख्स या सेना मौजूद नहीं थी।

अधिकारी ने कहा, 'हमने पहले जवाहिरी को कई मौकों पर बालकनी पर लगातार समय तक खड़े देखा था, जहां वह अंततः मारा गया।'

अधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन ने 25 जुलाई को स्ट्राइक के लिए अपनी ओर से हरी झंडी दे दी थी। उस दौरान वह कोविड -19 से ठीक होने के लिए आइसोलेशन में थे। बाइडन ने कहा कि अमेरिकी ऑपरेशन में कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ।

अफगानिस्तान से निकलने के बाद पहला हमला

पिछले साल 31 अगस्त, 2021 को अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हटने के बाद से यह पहली बार है जब अमेरिका का वहां कोई ज्ञात हमला है। जवाहिरी मूल रूप से मिस्र का था और सर्जन था। हालांकि बाद में वह हिंसक कट्टरवाद की ओर मुड़ गया। 9/11 के आतंकी हमलों के बाद से वह 20 साल से फरार था।

साल 2011 में पाकिस्तान में अमेरिका द्वारा ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के बाद जवाहिरी ने अल-कायदा की कमान संभाल ली थी और उसके सिर पर 2.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम था।

गौरतलब है कि सप्ताह के अंत में अफगान गृह मंत्रालय ने काबुल में ड्रोन हमले की सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों का खंडन किया था। उसने बताया था कि राजधानी में रॉकेट एक खाली घर से टकराया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।

वहीं, काबुल में मंगलवार तड़के हालांकि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट किया कि शहर के शेरपुर इलाके में एक आवास पर 'हवाई हमला' किया गया। मुजाहिद ने ट्वीट में कहा, 'ये कैसी घटना थी, पहले इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी थी। इस्लामिक अमीरात की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने घटना की जांच की और अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि हमला अमेरिकी ड्रोन द्वारा किया गया था।'

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