हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ मिलकर चीनी चुनौती का सामना करेंगे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया, बनी सहमति

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 29, 2023 04:17 PM2023-07-29T16:17:37+5:302023-07-29T16:18:50+5:30

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार, 29 जुलाई को 33वीं ऑस्ट्रेलिया-यूएस मंत्रिस्तरीय बैठक में हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और कोरिया के साथ आगे सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

America and Australia will face Chinese challenge together with India in the Indo-Pacific region | हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ मिलकर चीनी चुनौती का सामना करेंगे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया, बनी सहमति

(हिंद-प्रशांत क्षेत्र भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लिए बराबर अहमियत रखता है)

Highlights अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ मिलकर करेंगे चीनी चुनौती का सामना हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में साथ काम करने को तैयार हुए अमेरिका और ऑस्ट्रेलियाऑस्ट्रेलिया-यूएस मंत्रिस्तरीय बैठक में लिया गया निर्णय

नई दिल्ली: अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार, 29 जुलाई को 33वीं ऑस्ट्रेलिया-यूएस मंत्रिस्तरीय बैठक में हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और कोरिया के साथ आगे सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने शनिवार को ब्रिस्बेन में मुलाकात की। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन और राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन ने किया। ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल में उप प्रधान मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मामलों और व्यापार मंत्री पेनी वोंग शामिल थे।

बैठक के दौरान दोनों देशों में के बीच इस बात की सहमति भी बनी कि  हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सेनाओं के साथ कई अभ्यासों के माध्यम तालमेल बढ़ाया जाएगा। अमेरिकी विभाग द्वारा जारी एक फैक्ट शीट के अनुसार पहली बार एक्सरसाइज टैलिसमैन सेबर 2023 में फिजी, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी और टोंगा की भागीदारी होगी। उद्घाटन पर्यवेक्षक के रूप में भारत, सिंगापुर, थाईलैंड और फिलीपींस शामिल रहेंगे। 

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच पहले से ही एक त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौता लागू है। अब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की द्विपक्षीय बैठक में भी इस बात पर सहमति बनी कि अमेरिका पारंपरिक रूप से सशस्त्र और परमाणु-संचालित पनडुब्बी के विकास में ऑस्ट्रेलिया की मदद करेगा। 

ऑस्ट्रेलिया शुरू में संयुक्त राज्य अमेरिका से तीन वर्जीनिया श्रेणी की परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बियां (सामान्य नौसैनिक संक्षिप्त नाम एसएसएन) खरीदेगा। ये अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) की सेकेंड-हैंड सबमरीन होने की संभावना है, साथ ही एसएसएन-एयूकेयूएस सबमरीन की एक नई श्रेणी बनाने की योजना में देरी होने पर दो और वर्जीनिया श्रेणी की पनडुब्बियों को प्राप्त करने का विकल्प भी मौजूद है।

बता दें कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया इस बात को मानते हैं कि हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से सबसे बड़ी चिंता चीन है। दोनों ही देश ये भी जानते हैं कि इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना की अहम भूमिका है। भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया पहले से ही क्वाड का हिस्सा हैं। ऐसे में रक्षा क्षेत्र में तालमेल बनाना भी कोई मुश्किल काम नहीं होगा।

Web Title: America and Australia will face Chinese challenge together with India in the Indo-Pacific region

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