तालिबान के खिलाफ 'अल्लाह हू अकबर' का नारा बना अफगानियों का नया हथियार, कई शहरों में हो रहे प्रदर्शन

By विनीत कुमार | Updated: August 6, 2021 11:46 IST2021-08-06T11:43:28+5:302021-08-06T11:46:54+5:30

अफगानिस्तान के कई प्रांतों और शहरों में इन दिनों लोग तालिबान के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। ऐसे वे अफगान सुरक्षाबलों के लिए समर्थन जताने के लिए कर रहे हैं। इस बीच तालिबान के खिलाफ 'अल्लाह हू अकबर' का नारा लगाया जाना चर्चा में है।

Allahu Akbar slogan against Taliban became new weapon in Afghanistan | तालिबान के खिलाफ 'अल्लाह हू अकबर' का नारा बना अफगानियों का नया हथियार, कई शहरों में हो रहे प्रदर्शन

तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में लग रहे अल्लाह हू अकबर के नारे (फोटो- सोशल मीडिया)

Highlightsअफगानिस्तान में सेना के समर्थन में 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाते सड़कों पर उतर रहे स्थानीय लोगअफगानिस्तान में हेरात से शुरू हुआ ये सिलसिला अब देश के कई हिस्सों में फैल चुका है।सोशल मीडिया पर भी नारेबाजी करते लोगों के कई वीडियो सामने आए हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व के बीच देश के कई हिस्सों में उसका विरोध भी रहा है। हजारों अफगानी इन दिनों अफगान सेना के समर्थन में 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर रहे हैं। इस तरह का प्रदर्शन सबसे पहले हेरात में हुआ और अब अफगानिस्तान के दूसरे हिस्सों में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिल रहा है।

अफगानिस्तान के टोलो न्यूज के अनुसार वहां ऐसे प्रदर्शन अब सुरक्षाकर्मियों के समर्थन के प्रतीक बन गए हैं जो तालिबान के खिलाफ लगातार अपनी जंग जारी रखे हुए हैं। हाल में अफगानिस्तान के जिन इलाकों में तालिबान के समर्थन में नारे लग रहे हैं उनमें कपिसा, बाघलान, नूरिस्तान और सार-ए-पल जैसे प्रांत शामिल हैं।

मस्जिदों के लाउडस्पीकर से घर की छतों तक अल्लाह हू अकबर के नारे

काबुल में जहां सड़कों पर हजारों लोग 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाने के लिए उतर रहे हैं। वहीं, घर की छतों से भी महिलाएं और बच्चे ऐसे नारे लगाते नजर आते हैं। साथ ही मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर्स से भी ये नारे लगाए जा रहे हैं।

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यपूर्व और इस्लाम के इतिहास के अफगान-अमेरिकी प्रोफेसर अली ए ओलोमी ने बताया कि आखिर क्यों स्थानीय लोग तालिबन के खिलाफ अल्लाह हू अकबर का नारा लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान के विरोध का ये बेहद गंभीर तरीका है।

उन्होंने कहा, 'ये घोषण है कि भले ही कैसी परिस्थिति हो, हार यो या जीत हो, अल्लाह किसी से भी और सभी से महान है। जब सामने कोई बड़ा उत्पीड़न करने वाला हो तो ये उसका एक तरह से विरोध है। उस भयानक परिस्थित में भी अल्लाह आपसे बड़ा है।'

वहीं काबुल के एक निवासी इदरिस फिदा ने बताया कि अल्लाह हू अकबर के नारे से ये संदेश देने की कोशिश है कि लोग अब जंग से थक गए हैं और अफगान सुरक्षाबलों के साथ हैं।

तालिबान ने अल्लाह हू अकबर नारे पर क्या कहा

धार्मिक उन्माद के लिए बदनाम तालिबान के खिलाफ हो रही धार्मिक नारेबाजी पर उसकी प्रतिक्रिया भी सामने आई है। तालिबान ने कहा है कि अल्लाह हू अकबर सामूहिक तौर पर लगाया जाने वाला नारा है लेकिन जो इसके नाम पर अल्लाह का अपमान कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान का दबदबा बढ़ता जा रहा है। कांधार के कई जिलों को तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही तालिबानी लड़ाकों ने सरकार का साथ देने का आरोप लगाकर यहां के कई निवासियों को बंधक बना लिया है। कुछ लोगों के मारे जाने की भी सूचना है।

Web Title: Allahu Akbar slogan against Taliban became new weapon in Afghanistan

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