पाकिस्तान में बकरीद पर बलि देने के जुर्म में तीन अहमदिया मुसलमान गिरफ्तार, मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का है आरोप

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 11, 2022 07:40 PM2022-07-11T19:40:20+5:302022-07-11T19:50:55+5:30

रविवार को बकरीद थी। इस मौके पर पूरी दुनिया के मुसलमान जीवों की बलि देते हैं। पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों को गैर-मुस्लिम घोषित किया जा चुका है।

ahmadis muslims arrested on eid ul adha for sacrificing goat fir lodged for hurting muslims sentiments | पाकिस्तान में बकरीद पर बलि देने के जुर्म में तीन अहमदिया मुसलमान गिरफ्तार, मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का है आरोप

पाकिस्तान में बकरीद पर बलि देने के जुर्म में तीन अहमदिया मुसलमान गिरफ्तार, मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का है आरोप

Highlightsबकरीद के दिन फैसलाबाद में तीन अहमदिया मुसलमानों को बलि देने के आरोप में गिरफ्तार किया गयाकुछ लोगों ने अहमदिया समुदाय द्वारा बलि देने का वीडियो बना लिया और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दीपाकिस्तान संविधान में अहमदिया मुसलमानों को गैर-मुस्लिम घोषित किया जा चुका है

फैसलाबाद:पाकिस्तान के फैसलाबाद में तीन अहमदिया मुसलमानों को बकरीद के मौके पर बलि देने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को मुस्लिम समाज का प्रमुख त्योहार बकरीद (ईद उल अजहा) था। इस मौके पर जानवरों की बलि देने की प्रथा है।

जमाते-अहमदिया पाकिस्तान के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन को समुदाय के तीन लोगों की गिरफ्तारी की सूचना दी। पुलिस में दर्ज करायी गयी एफआईआर के अनुसार शिकायतकर्ताओं को बकरीद की नमाज पढ़ने के बाद पता चला कि अहमदी लोग बकरीद पर पशु बलि दे रहे हैं। सलीमुद्दीन ने कहा कि जिन लोगों पर आरोप है वो अपने घर के अन्दर बलि दे रहे थे न कि किसी सार्वजनिक स्थान पर।

शिकायतकर्ता इलाके में पहुंचकर छत पर चढ़ गए और अहमदी समुदाय के एक सदस्य को बकरे की बलि देते हुए देखा और घटना का वीडियो बना लिया। अहमदी समुदाय के कुछ अन्य सदस्य एक अन्य जानवर का मांस दूसरी जगह पर काट रहे थे।  शिकायतकर्ताओं ने घटना का वीडियो बनाया और फैसलाबाद थाने में पांच लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी दण्ड संहिता (पीपीसी) के अनुच्छेद 298-सी के तहत शिकायत दर्ज करायी।

पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 260(3) के अनुसार अहमदिया समुदाय खुद को मुसलमान नहीं कह सकता और नही इस्लामी मजहब का पालन और प्रचार-प्रसार कर सकता है।

पाकिस्तान की समाचार वेबसाइट 'डॉन' के अनुसार पाकिस्तानी के मजहबी मामलों के मंत्रालय ने इसी महीने गृहमंत्री को पत्र लिखकर अनुच्छेद 260(3) का कड़ाई से लागू कराने की मांग की थी।

पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 198-सी  तहत अहमदिया खुद को मुसलमान की तरह नहीं पेश कर सकते और न ही इस्लामी प्रथाओं का पालन कर सकते हैं।

कौन हैं अहमदिया मुसलमान?

अहमदिया समुदाय (जमाते अहमदिया मुस्लिमा) की स्थापना 19वीं सदी में अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त में मिर्जा गुलाम अहमद (1835-1908) द्वारा की गयी थी। अहमदिया समुदाय गुलाम अहमदी को मेंहदी मानता है। इस्लामी धर्मगुरु मिर्जा गुलाम अहमद की विचारधारा को मानने वाले मुसलमानों को अहमदिया मुसलमान कहा जाता है।

मिर्जा गुलाम अहमद का जन्म कादियान में हुआ था, इसलिए इस समुदाय को पाकिस्तानी में कादियानी मुसलमान भी कहा जाता है। ब्रिटेन में रहने वाले मिर्जा मसरूर अहमद इस समय अहमदिया समुदाय के खलीफा (रहनुमा) माने जाते हैं। 

Web Title: ahmadis muslims arrested on eid ul adha for sacrificing goat fir lodged for hurting muslims sentiments

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