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अहमदीनेजाद राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे: ईरान का सरकारी टीवी

By भाषा | Updated: May 12, 2021 17:16 IST

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तेहरान, 12 मई (एपी) ईरान के सरकारी टीवी ने बुधवार को खबर दी है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद जून में होने वाले इस पद के चुनाव में फिर से किस्मत आज़मा रहे हैं।

टीवी पर प्रसारित तस्वीर में दिख रहा है कि अहमदीनेजाद अपने समर्थकों के साथ गृह मंत्रालय में स्थित पंजीकरण केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं जहां उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना पंजीकरण फॉर्म भरा।

अहमदीनेजाद ने हाल के वर्षों में अपनी कट्टरपंथी छवि को अधिक मध्यमार्गी उम्मीदवार के रूप में चमकाने की कोशिश की है तथा कुप्रबंधन के लिए सरकार की आलोचना की है।

उनपर 2017 में सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली ख़ामेनेई ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। हालांकि उन्होंने तब नामांकन दायर कर दिया था, मगर संवैधानिक निगरानी संस्था ‘गार्जियन काउंसिल’ ने उन्हें तब अयोग्य ठहरा दिया था।

खामेनेई ने कहा है कि वह किसी भी उम्मीदवार का विरोध नहीं करेंगे, फिर भी चुनाव परिषद अहमदीनेजाद की उम्मीदवारी रोक सकती है।

खामेनेई ने मंगलवार को ईरानी विश्वविद्यालय के छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, “ पहले चुनावों में जो उम्मीदवार बनना चाहता था उसने मुझसे पूछा था कि क्या मैं सहमत हूं ?”

उन्होंने कहा, “ इस साल मैंने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा।”

बता दें कि ईरान अमेरिका के साथ तनाव के बीच परमाणु समझौते को लेकर विश्व शक्तियों के साथ बातचीत कर रहा है। इस बीच अहमदीनेजाद का प्रवेश चुनाव में जान फूंक सकता है जो कोरोना वायरस और पाबंदियों की वजह से ठंडा पड़ा था।

अगर राजनीतिक परिदृश्य में उनकी वापसी होती है तो यह कट्टपंथियों में उन असंतुष्टों के लिए खुशी की बात हो सकती है जो पश्चिम, खासकर इज़राइल और अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख चाहते हैं।

अहमदीनेजाद ने कहा, ‘‘ पंजीकरण के लिए मेरी मौजूदगी चुनाव में मेरे लाखों प्रतिभागियों की मांग पर आधारित है।”

उन्होंने कहा कि उन्होंने यह कदम देश की स्थिति पर विचार करके उठाया है और देश के प्रबंधन में क्रांति की जरूरत है।

ईरान ने मंगलवार को चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश में 18 जून को मतदान होना है।

मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी कार्यकाल की सीमा की वजह से फिर से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। रूहानी अपेक्षाकृत उदारवादी माने जाते हैं और उनके साढ़े चार साल तक के दो कार्यकाल की शुरुआत विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते के साथ हुई थी। उनका कार्यकाल अब खत्म होने वाला है।

अहमदीनेजाद 2005 से 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे। उन्होंने देश को परमाणु कार्यक्रम के जरिए पश्चिम देशों से टकराव की स्थिति में धकेल दिया। साथ में 2009 में उनके विवादित पुन:निर्वाचन के बाद देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए जो 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद सबसे बड़े प्रदर्शन थे।

इस बीच विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं है और वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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