नई दिल्ली: कनाडा से राजनयिक रिश्तों में बढ़े तनाव के बाद अब पड़ोसी देश चीन के साथ भी तनातनी बढ़ती दिख रही है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को हांगझोउ में एशियाई खेलों के लिए वीजा नहीं दिया है। प्रतिक्रिया में भारत के युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विरोध स्वरूप चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।
इस मामले को लेकर नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा कि चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करती है, जो स्पष्ट रूप से सदस्य देशों के प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ भेदभाव को प्रतिबंधित करती है।
बागची ने कहा कि भारत के पास अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पता चला है कि चीनी प्राधिकारियों ने लक्षित और सोची-समझी योजना के तहत अरुणाचल प्रदेश राज्य के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को आधिकारिक मान्यता और चीन के हांगझोउ में 19वें एशियाई खेलों में प्रवेश न देकर उनसे भेदभाव किया है।
बागची ने कहा, ‘हमारे दीर्घकालीन और निरंतर रुख के अनुसार, भारत निवास स्थान या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों से भेदभावपूर्ण बर्ताव को दृढ़ता से अस्वीकार करता है। अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के कुछ खिलाड़ियों को जानबूझकर और चुनिंदा तरीके से रोकने के चीन के कदम के खिलाफ नयी दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है।
एक तरफ जहां भारतीय अधिकारियों ने चीन के इस कदम पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है वहीं चीन ने अपनी पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। ओसीए की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष वेई जिज़होंग का दावा है कि भारतीय एथलीटों को चीन में प्रवेश के लिए वीज़ा दे दिया गया है।
वेई जिज़होंग के सामने जब ये मामला उठाया गया तो उन्होंने कहा कि इन भारतीय एथलीटों को चीन में प्रवेश करने के लिए पहले ही वीजा मिल चुका है। चीन ने किसी भी वीजा से इनकार नहीं किया। दुर्भाग्य से, इन एथलीटों ने इस वीजा को स्वीकार नहीं किया। मुझे नहीं लगता कि यह OCA की समस्या है क्योंकि चीन ने इसके लिए एक समझौता किया है। उन्होंने कहा कि प्रमाणित योग्यता रखने वाले सभी एथलीटों को चीन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आने दें। यह स्पष्ट है। वीजा पहले ही दिया जा चुका है।